भोपाल। मप्र में हर रोज किसान मर रहे हैं और मुख्यमंत्री सिवाए मीटिंगों के और कुछ नहीं कर रहे हैं। पिछले 24 घंटे में फिर से 3 किसानों ने मौत को गले लगा दिया। सरकार अब तक उन किसान परिवारों तक मदद नहीं पहुंचा पाई है जिन्होंने तंगहाली के चलते पिछले 1 महीने में आत्महत्याएं कीं।
कर्ज से हारा लक्ष्मीनारायण
खंडवा जिले में 32 वर्षीय लक्ष्मीनारायण ने कीटनाशक पीकर अपनी जान दे दी. लक्ष्मीनारायण को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
जिले के ग्राम अतर में रहने वाले लक्ष्मीनारायण ने पांच एकड़ में सोयाबीन, मिर्च और कपास की फसल लगाई थी. मौसम की बेरूखी की वजह से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई. लक्ष्मीनारायण पर करीब 4 लाख रुपए का कर्ज था. इससे परेशान होकर उसने मौत को गले लगा लिया.
बेटे-बेटी की शादी के बाद कर्ज में डूबा किसान
उज्जैन में कर्ज से परेशान किसान मदनलाल ने फांसी लगा ली. मदनलाल पर करीब डेढ़ लाख रुपए कर्ज था.
जिले के ग्राम पिपलिया हामा में 45 वर्षीय किसान ने अपने ही खेत में फांसी लगा ली. बताया जा रहा है कि मदनलाल ने कुछ समय पहले बेटे और बेटी की शादी की थी. इसके लिए डेढ़ लाख रुपए का कर्जा लिया था.
कर्ज का दबाव और फसल अच्छी नहीं होने की वजह से मदनलाल हालात से हार गया और उसने अपनी जान दे दी.
कटनी में किसान ने पीया जहर
कटनी के ग्राम करहैया में फसल चौपट होने के कारण किसान भगवत पटेल ने खेत में ही जहर पीकर जान दे दी. ग्राम करहैया में धान की फसल चौपट होने के भगवत काफी परेशान बताया जा रहा था.
रीवा में किसान की हालत नाजुक
रीवा के रामपुर कर्चुलियान थाना क्षेत्र के चोरगढ़ी गांव में 35 साल के किसान राजेश पटेल ने कीटनाशक दवा पी ली. राजेश को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया है.
राजेश रीवा का रहने वाला है. वह अपनी फसल को देखने के लिए खेत पर आया था. खेत में सोयाबीन और धान की बर्बाद फसल को देखकर राजेश ने खुदकुशी करने की कोशिश की.