जबलपुर। इंजीनियरिंग और पैरामेडिकल संस्थानों ने फर्जी छात्रों के नाम पर तकरीबन 25 करोड़ की स्कॉलरशिप निकाल ली है। ये आंकड़ा सिर्फ पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों का है। एसटी-एससी के विद्यार्थियों के नाम पर निकाली गई स्कॉलरिशप अलग लेकिन फर्जीवाड़ा करने वाले कॉलेजों को ब्लैक लिस्टेड और एफआईआर की कार्रवाई करने की बजाए सरकार सेंटलमेंट करने में जुटी है।
संस्थानों को स्कॉलरशिप का पैसा लौटाने का ऑप्शन दिया है। सोमवार को पिछड़ा वर्ग के प्रमुख सचिव ने सर्किट हाउस में कॉलेज संचालकों को कुछ ऐसी ही हिदायत दी। कलेक्टर एसएन रूपला की मौजूदगी में प्रमुख सचिव राकेश अग्रवाल ने पैरामेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों के संचालकों और विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की।
पीएस ने कॉलेज संचालकों से स्कॉलरिशप से संबंधित जानकारी तलब की और कहा कि नियम के मुताबिक ही काम करें। जिन कॉलेज संचालकों ने गलत ढंग से स्कॉलरशिप निकाली है वे संस्थान मिलकर निकाली गई रकम को शासन के पास वापस जमा करवाएं। कलेक्टर एसएन रूपला ने भी इस संबंध में सावधानी बरतने को कहा।
स्कॉलरशिप निकाली 10 हजार की, परीक्षा में बैठे 2 हजार
कलेक्टर एसएन रूपला ने पीएस को बताया कि 10 हजार पैरामेडिकल स्टूडेंट के नाम पर स्कॉलरशिप निकाली गई, लेकिन परीक्षा में सिर्फ 2 हजार ही शामिल हुए। जिले के 18 से ज्यादा इंजीनीयरिंग व 22 पैरामेडिकल कॉलेजों की जांच की जा रही है।
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की सहायक संचालक जेएस विल्सन से भी स्कॉलरशिप को लेकर आंकड़े पूछे गए, लेकिन वो कोई जवाब नहीं दे सकीं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि मैडम बता ही नहीं रही हैं लेकिन एडमिशन लेने वाले कुल छात्रों में महज 10 फीसदी ही परीक्षा देते हैं।
स्कॉलरशिप के गुनहगार गायब
जिन इंजीनियरिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में स्कॉलरशिप निकालने का फर्जीवाड़ा हुआ। वो बैठक से दूर रहे। चंद कॉलेज संचालक ही बैठक में मौजूद थे। ज्ञात हो कि राधास्वामी इंजीनियरिंग कॉलेज के खिलाफ फर्जीवाड़े को लेकर पुलिस में मामला दर्ज हो चुका है। जबकि दर्जनों इंजीनियरिंग कॉलेजों के खिलाफ जांच की जा रही है।
FIR भी होगी
बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा में प्रमुख सचिव राकेश अग्रवाल ने कहा कि फर्जीवाड़ा करने वाले संस्थानों से पहले वसूली होगी। बाद में उनके खिलाफ एफआईआर भी विभाग दर्ज करवाएगा। उन्होंने जेएस विल्सन पर लगे आरोपों की जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया। इस दौरान ईएसओ के विशाल बघेल, आशीष सिंह आदि ने जेएस विल्सन के तत्काल पद से अलग करने की मांग की।