भोपाल। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में हुए लोन घोटाले में असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर वसंत कापसे सहित तहसील आफिस के एसडीओ रेवेन्यू ब्रजेश सिंह एवं कालोनाइजर राजेन्द्र प्रसाद तिवारी को 3 साल जेल की सजा सुनाई गई है। यह डिसीजन सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार 30 अक्टूबर 2015 को सुनाया।
घटना 3 फरवरी 2007 से 14 अगस्त 2009 के बीच सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की अरेरा हिल्स शाखा में हुई थी। आरोपी बैंक प्रबंधक वसंत कापसे व अन्य दो आरोपियों ने मिलकर हरप्रसाद चौरे और उनकी पत्नी जीजाबाई के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करीब 9 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कराया था। इस संबंध में प्री-सेंक्शन प्रतिवेदन पेश कर हरप्रसाद चौरे और उनकी पत्नी जीजाबाई के फर्जी आय प्रमाण-पत्र, पेन कार्ड व अन्य दस्तावेज पेश किए।
आरोपियों ने चौरे दंपती से कोरे लोन फार्म पर हस्ताक्षर करा लिए थे, जिस पर झूठी जानकारी भरकर बैंक में पेश किया गया। फार्म में जीजाबाई को होशंगाबाद के शासकीय स्कूल में भृत्य के पद पर कार्यरत बताया गया था, जबकि वह गृहणी थी। इस काम में तहसील हुजूर भोपाल के एसडीओ रेवेन्यु ब्रजेश सिंह यादव ने आरोपी कालोनाईजर राजेंद्र प्रसाद तिवारी के कालोनाईजर लाईसेंस, टीएनसीपी, डेवलपर्स परमीशन सहित अन्य दस्तावेजों की जांच किए बगैर ही बैंक में झूठी रिपोर्ट पेश कर दी थी।
आरोपियों ने मिलकर बैंक से प्राप्त करीब 9 लाख रुपए की ऋण राशि हड़प कर ली थी। सीबीआई ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी व षडयंत्र के अपराध में प्रकरण पंजीबद्घ कर मामले का चालान अदालत में पेश किया था।