झांसी। यह उत्तरप्रदेश की कथित किसान प्रेमी सरकार को शर्मसार कर देने वाला मामला है। एक किसान पिछले 40 साल से एक पैर से हल चला रहा है। इस विकलांग किसान की कभी किसी सरकार ने मदद नहीं की।
बांदा जिले के बेबरू गांव में रहने वाले किसान देवराज सिंह का कहना है कि अब उम्र ढल गई है। किसानी की मेहनत बस में नहीं रही। यदि दो वक्त की रोजी रोटी का इंतजाम हो जाए तो बाकी की जिंदगी कट जाएगी। साहूकारों का कर्ज उतारने और परिवार का पेट पालने के लिए ये किसान कटे हुए दाएं पैर में कमर से लाठी बांधकर खेत की जुताई करता है। हैरान की बात यह है कि मामला सरकार के संज्ञान में आने के बाद भी अभी तक उसकी कोई मदद नहीं की गई है।
बांदा जिले के बेबरू गांव में देवराज सिंह यादव नाम का किसान रहता है। उसकी उम्र 60 साल है। उसके बाद करीब तीन बीघा खेत है। देवराज ने बताया कि करीब 40 साल पहले वो अपना खेत जोत रहे थे, तभी एक बैल ने उन पर हमला कर दिया। हमले में उनका दायां पैर बुरी तरह से जख्मी हो गया। इसके बाद डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उसे बताया कि अंदरूनी चोटों के कारण उसका दायां पैर पूरी तरह सड़ चुका है। उसे जिंदा रखने के लिए उन्हें पैर काटना पड़ेगा।
देवराज ने बताया कि एक पैर कट जाने के बाद भी वो हिम्मत नहीं हारे। परिवार का पेट पालना और साहूकारों का कर्ज चुकाने जैसी जिम्मेदारियां अधूरी थीं। ऐसे में उन्होंने जिंदगी को खत्म करने के बजाए उसे नए तरीके से शुरू करने की ठानी। देवराज ने लाठी को कटे हुए दाएं पैर पर बांधकर खेत में हल जोतना शुरू कर दिया। उनकी मानें तो इस काम में दर्द बहुत होता है, लेकिन परिवार का साथ दर्द का अहसास नहीं होने देता।