भोपाल। मध्यप्रदेश में मौसम अजीब हो रहा है। किसानों ने खेत में 100 किलो सोयाबीन बोया लेकिन निकला 35 किलो ही। कभी सूखा तो कभी ओले गिरने लगते हैं। 70 के दशक में ऐसा हाहाकार था। उसके बाद इस साल किसानों की ऐसी हालत हुई है। यह बयान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासन अकादमी में कृषि मंथन के दौरान दिया।
इसमें किसानों के लिए दीर्घकालीन योजना बनाने कृषि विशेषज्ञ सुझाव देंगे। कृषि क्षेत्र को नई दिशा देने पर राष्ट्रीय स्तर के कृषि विशेषज्ञ अपना पेपर पढ़ेंगे। कार्यक्रम में सीएम ने कहा 70 के दशक के बाद का सबसे बड़ा सूखा झेल रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 'दस वर्ष में हुई प्रगति और कृषि में चुनौतियां" विषय पर संबोधन से पहला सत्र शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनपुट कास्ट बढ़ी है। मुनाफा घटा है। उन्होंने कहा कि राज्य में खाद के बेजा इस्तेमाल से पंजाब जैसे हालात बनने का खतरा पैदा हो रहा है। भारत का किसान मजबूरी में खेती कर रहा है। किसान और व्यापारियों के बीच से बिचौलियों को खत्म करना होगा।