नईदिल्ली। आतंकवाद को पाल पोस रहे पाकिस्तान के झूठ की पोल उसके ही एक पूर्व मंत्री ने खोल दी है। पाकिस्तान के पूर्व रक्षा मंत्री चौधरी अहमद मुख्तार ने कहा कि रक्षा मंत्री के तौर पर उन्हें लादेन के पाकिस्तान में रहने की भनक थी। इसके अलावा, पांच से सात साल से सरकार और पाकिस्तानी सेना जानती थी कि अलकायदा का सरगना देश में ही था। मुख्तार ने माना है कि दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकी और अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन उनके देश का मेहमान था।
एक टीवी चैनल से बातचीत में मुख्तार ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी, सेनाध्यक्ष अशफाक परवेज कयानी और आईएसआई अधिकारियों को लादेन के ठिकाने के बारे में पूरी जानकारी थी।
मुख्तार ने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद थी कि अगर 9/11 के मास्टरमाइंड लादेन का पता चलता है, तो वह खुदकुशी कर लेगा और किसी भी जांच एजेंसी के हत्थे नहीं चढ़ेगा। मुख्तार के इस खुलासे ने पाकिस्तान के उस दावे को खोखला कर दिया है कि उसे नहीं पता था कि अफगानिस्तान से भागा लादेन सैन्य इलाके एबटाबाद में ठिकाना बना कर रह रहा था। मुख्तार वर्ष 2008 से 2012 तक गिलानी के नेतृत्व वाली सरकार में रक्षा मंत्री थे।
लादेन को दो मई 2011 को अमेरिकी सेना ने एक बेहद गोपनीय कार्रवाई के तहत इस्लामाबाद से सौ किमी दूर एबटाबाद में उसके ठिकाने पर ही ढेर कर दिया था। हालांकि तब पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा था कि उनकी सरकार को लादेन के बारे में कुछ भी पता नहीं था। अधिकारियों या सेना की ओर से लादेन को कोई संरक्षण नहीं मिला हुआ था। जबकि कयानी ने कहा था, मैं 500 फीसदी दावे के साथ कह सकता हूं कि ओसामा के बारे में मुझे कुछ भी पता नहीं था।
उल्लेखनीय है कि इसी तरह 2008 के मुंबई हमले में भी पाकिस्तान अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा, लेकिन कसाब के जिंदा पकड़े जाने और दूसरे अकाट्य सबूतों के बाद उसका झूठ खुल गया। लेकिन तब भी उसने मुंबई हमले को नॉन स्टेट एक्टर्स का कारनामा कहकर सरकार, आईएसआई या सेना के साजिश में शामिल होने की बात नहीं मानी।