भालू ने भी रखा है 9 दिन का उपवास, रोज माथा टेकता है माता के दरबार में

सिरोही/धरती के रंग राजस्थान के माउंट आबू स्थित अधर देवी मंदिर में इन दिनों एक अनोखा भक्त श्रद्धालुओं में चर्चा का विषय बना हुआ है। ये भक्त किसी गांव या शहर से नहीं जंगल से रोज दर्शन को आता है। खास बात ये है कि ये इंसान नहीं जंगली भालू है। इसने 9 दिन का व्रत रखा हुआ है। आसपास कुछ खाने को मिलता है तो ग्रहण नहीं करता। रोज माता के मंदिर में माथा टेकने आता है और वापस चला जाता है।

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो नवरात्रि में माउण्ट आबू स्थित प्रसिद्ध शक्ति पीठ अधर देवी मंदिर में इन दिनों एक भालू प्रतिदिन मंदिर की 365 सीढ़ियां चढ़कर माता के दर्शन करने आ रहा है।   यही नहीं चुपचाप बिना किसी उत्‍पात के चला भी जाता है।

शाम ढलने के बाद आता है भालू:
यह भालू शाम ढलने के बाद मंदिर की ओर रुख करता है. अंधेरा होने के साथ ही इस मंदिर में श्रद्धालुओं का आनाजान लगभग बंद हो जाता है और इसी एकांत का फायदा उठाकर भालू मंदिर पहुंचता है. लेकिन नवरा़त्र में मंदिर में और आस-पास में लोगों की भीड़ रहने से यह भालू डरकर आस-पास के जंगल में भाग जाता है. जब सब लोग चले जाते हैं, तो संभवतया फिर से यह भालू मंदिर के और दर्शन के लिए आता है. फिलहाल अभी तक तो अधर देवी मंदिर में देर रात में दर्शन के लिए जाने वाले लोगों को इन दिनों रोजाना ही इस भालू के दर्शन हो रहे हैं.

जंगली जानवर भी 9 दिन तक रखते हैं व्रत:
स्थानीय लोगों में मान्यता है कि  जंगली जानवर नवरात्र में माता रानी के दरबार में आते ही नहीं बल्कि वे व्रत भी रखते हैं. कहा जाता है कि जंगल में खुंखार जानवर भी कुछ दिनों के लिए शिकार करना बंद कर देते हैं. हाल ही डिस्‍कवरी चैनल पर भी इससे संबंधित एक डोक्यूमेंट्री प्रसारित हो चुकी है। 

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