पंतनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात में फेसबुक के फाउंडर मार्क जकरबर्ग ने जब यह कहा कि ऐपल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की सलाह पर वह भारत के एक मंदिर में आए थे तो हर तरफ उस मंदिर को जानने की जिज्ञासा पैदा हो गई। जकरबर्ग ने कहा था कि वह फेसबुक के शुरूआती दिन थे और वह कठिन दौर से गुजर रहा था। बिकने के कगार पर खड़े फेसबुक की किस्मत जकरबर्ग की इसी यात्रा के बाद संवरी थी।
दरअसल, जकरबर्ग ने जिस मंदिर का जिक्र किया, उसी मंदिर में ऐपल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने भी आकर प्रेरणा ली थी। यह नैनीताल के पास कैंची में स्थित बाबा नीब किरोड़ी का आश्रम था। मंदिर के सचिव विनोद जोशी को सबकुछ तो याद नहीं लेकिन वह बताते हैं कि कुछ साल पहले अमेरिकी फिजिशन और गूगल के पूर्व डायरेक्टर लैरी ब्रिलियंट ने उन्हें फोन किया था। लैरी ने बताया कि कोई मार्क एक दिन के लिए आश्रम में आएगा।
आश्रम में गुरू नीब किरोड़ी बाबा की सेवा में अपना जीवन बिता देने वाले जोशी को यह ठीक से याद नहीं है कि उन्हें फोन कब किया गया था क्योंकि उस वक्त उन्हें नहीं पता था कि मार्क जकरबर्ग है कौन? फेसबुक तब डेढ़ अरब लोगों की आदत में शामिल नहीं हुआ था। हालांकि जोशी को यह याद है कि जकरबर्ग नैनीताल से 65 किलोमीटर दूर पंतनगर आए थे और वहां से नीब किरोड़ी आश्रम (नीम करोली के नाम से चर्चित) पहुंचे। बाबा नीब करोड़ी का देहांत 1973 में हो गया था, लेकिन आश्रम कुछ हाई प्रोफाइल अमेरिकी लोगों के लिए काम करता रहा।
जूलिया रॉबर्ट्स, आध्यात्मिक गुरू रामदास, स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग ये कुछ बड़ी शख्सियतों में से कुछ नाम हैं जिन्हें एक आम से दिखने वाले, कंबल ओढ़कर रहने वाले एक बाबा की चुंबकीय शख्सियत ने बदल दिया। बाबा नीब किरोड़ी ने ही इन्हें कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित किया। बाबा से प्रेरणा लेने वाली हस्तियों में बेहद लोकप्रिय किताब इमोशन इंटेलिजेंस के लेखक डेनियल गोलमैन, पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी, बिड़ला ग्रुप के जुगल किशोर बिड़ला और यहां तक कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू भी शामिल थे।
जोशी ने एक अखबार को बताया कि जकरबर्ग आश्रम में सिर्फ एक किताब लेकर आए थे। उनके पास बदलने के लिए कपड़े भी नहीं थे। उन्होंने एक ट्राउजर पहना था जो एक पैर पर घुटने तक मुड़ा हुआ था। जकरबर्ग यहां एक दिन के लिए ही आए थे लेकिन पंतनगर में खराब मौसम और फ्लाइट न उड़ पाने की वजह से उन्हें दो दिन रूकना पड़ा। आश्रम, एक छोटी नदी के किनारे पर बना हुआ है और जंगली पहाड़ों से घिरा है। आश्रम में पांच मंदिर हैं, जिसमें से एक बाबा नीब किरोड़ी के प्रिय हनुमान का है। बाबा के कई भक्त मानते हैं कि वह खुद हनुमान के अवतार थे। मंदिरों की ठीक सामने एक सफेद इमारत हैं, जहां बाबा नीब किरोड़ी रहा करते थे।