मंडला। मोतीनाला थाना क्षेत्र अंतर्गत खलौड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चपरासी के गलत इंजेक्शन लगाने से मासूम की मौत हो गई। चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि 1984 से इस अस्पताल में कोई डॉक्टर ही नहीं है। यही चपरासी इलाज करता आया है। यह तो बिना व्यापमं घोटाला किए ही डॉक्टर बन बैठा है। अधिकारियों के लिए क्या लिखें, बस भगवान ही न्याय करे।
बताया जाता है कि तीन वर्षीय देवराज को दो दिनों से सामान्य बुखार था। जिसके इलाज़ लिए परिजन गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। जहां अस्पताल में पदस्थ चपरासी अशोक रांझ द्वारा उसका इलाज़ कर इंजेक्शन लगाया गया। इंजेक्शन लगाए जाने के बाद देवराज की तबीयत अचानक बिगड़ गई और थोड़ी देर में उसने दम तोड़ दिया।
हैरत की बात तो यह है कि इस स्वास्थ्य केंद्र में वर्ष 1984 से कोई डॉक्टर पदस्थ नहीं है। ऐसे में अस्पताल में पदस्थ चपरासी के द्वारा ही मरीजों का इलाज़ किया जाता है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा पर बसे खलौड़ी बिछिया विधायक पंडित सिंह धुर्वे का गृहग्राम है। जहां वर्षों से कोई चिकित्सक नहीं है।