शिवपुरी। बड़े शहरों में जो टमाटर 50-60 रुपए किलो बिक रहा है, उसी टमाटर की शिवपुरी में इतनी पैदावार हो गई है कि किसान सड़कों पर फेंक रहे हैं और इसे आवारा जानवर खा रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब इस बार टमाटर की फसल कमजोर हुई है। इसके बाद भी थोक मंडी में टमाटर का भाव भी गिर 8 से 10 रुपए किलो हो गया है। किसानों को सही दाम मिले या फिर टमाटर की प्रोसेसिंग हो सके, इसके लिए शिवपुरी में एक अदद फूड पार्क तक नहीं है, जबकि प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे यहां की विधायक हैं और उनके भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया केन्द्र में मंत्री रहे है और कांग्रेस के सांसद हैं।
दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों में यही टमाटर मंहगे दामों पर बिकता है, लेकिन शिवपुरी में ऐसा नहीं है। यहां पर टमाटर मात्र 8 से दस रुपए किलो मिल रहा है। इस सीजन में किसानों ने पूरे 60 हजार टन टमाटर का उत्पादन किया है। स्थानीय मंडी में किसान बेचने आ रहे हैं, लेकिन सही दाम नहीं मिल रहे है।
पोहरी के एक किसान रामदीन बताते हैं कि मंडी के दलाल 8 से 10 रुपए प्रति किलो के भाव से टमाटर खरीदते हैं। ऐसे में खेत से मंडी तक लाने का भाड़ा भी निकलता। कई बार तो टमाटर सड़क पर ही फेंकना पड़ता है, क्योंकि उसे वापस ले जाना मंहगा है। किसानों का यह भी कहना है कि इस बार थोड़ा मौसम खराब रहा, जिसके कारण टमाटर की फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है। मंडी में वही टमाटर बिकता है, जिसे तीन-चार दिन रखा जा सके।
40 हजार हेक्टेयर में होती है फसल
शिवपुरी जिले में किसान करीब 40 हजार हेक्टेयर खेतों में टमाटर की फसल लगाते हैं। इस बार बारिश कम होने और सीजन खराब होने के कारण उत्पादन कम हुआ है और केवल 60 हजार टन ही टमाटर हुआ। पिछले साल उत्पादन का आंकड़ा 80 हजार टन से ज्यादा था। करैरा इलाके के किसान हाकिम सिंह का कहना है कि हर बार यही स्थिति होती है। किसानों को उनकी फसल का सही दाम नहीं मिलता है, जिसके कारण उन्हें फेंकने पर मजबूर होना पड़ता है।
शिवपुरी में नहीं है फूड पार्क
शिवपुरी में केवल टमाटर ही नहीं, बल्कि अन्य सब्जियां व फसलें भी बंपर मात्रा में होती हैं, लेकिन इनकी प्रोसेसिंग के लिए एक फूड पार्क तक नहीं है, जबकि प्रदेश की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया यहां से विधायक हैं और ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां से सांसद व केन्द्र की यूपीए सरकार में मंत्री भी रहे हैं।