भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मप्र के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने आज सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर जो उद्बोधन दिया वो कई संदेशों को समेटे हुए था। राजनैतिक गलियारों में अब उसके अर्थ निकाले जा रहे हैं। सहस्त्रबुद्धे ने कहा है कि:-
- किसी भी राजनीतिक दल में सत्ताधारी बड़े नहीं होते, बल्कि संगठन बड़ा होता है।
- सरदार पटेल से सीखा जा सकता है कि संगठन को कैसे मजबूत किया जाए।
- उन्होंने होर्डिंग लगाकर नेतागिरी करने वाले बीजेपी नेताओं को सरदार पटेल का उदाहरण देते हुए कहा कि, पटेल चतुराई से अपनी बात रखते थे और संगठन में हो रहे गलत फैसलों का विरोध करते थे।
- बीजेपी कार्यकर्ताओं में भी ऐसे गुण भी होने चाहिए।
- बहुमत से हुए फैसलों का पूरी प्रतिबद्धता से पालन किया जाए।
याद दिला दें कि इन दिनों मप्र में सत्ता और संगठन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। भाजपा मुख्यालय को भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता अपना मुख्यालय मानने को तैयार नहीं और नंदकुमार सिंह चौहान का व्यापक विरोध हो रहा है। यहां भाजपा और सरकार का अर्थ सिर्फ शिवराज सिंह चौहान रह गया है। लोग इसका विरोध कर रहे हैं परंतु विरोधियों को काफी नुक्सान भी उठाना पड़ रहे हैं। कई भाजपाई पिछले दिनों निष्कासित भी किए जा चुके हैं। ऐसे में विनय सहस्त्रबुद्धे के यह शब्द क्या इशारा कर रहे हैं, बस यही तलाशा जा रहा है।