ग्वालियर। मरीज के पर्चे पर डॉक्टर की खराब राइटिंग को लेकर हाईकोर्ट के आदेशों का अभी भी पालन नहीं हो रहा है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी किया है। लास्ट चांस दिया गया है। यदि अब भी डॉक्टरों ने राइटिंग नहीं सुधारी तो अवमानना का केस चलाया जाएगा।
राम सिंह ने हाईकोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की है। इस याचिका पर कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा था। केस डायरी व एमएलसी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। शासकीय अधिवक्ता बीके शर्मा ने गुना जिले के आरोन के डाक्टर द्वारा की गई एमएलसी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। इस एमएलसी में फरियादी को चोटें आना तो प्रदर्शित हो रहा था, लेकिन एमएलसी पर डाक्टर ने क्या लिखा था, वह समझ में नहीं आ रहा था।
इसकी वजह से कोर्ट का काफी समय बर्बाद हो गया। कोर्ट ने डॉक्टर की राइटिंग को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एमएलसी पर लिखी गई राइटिंग से न्यायालय का काफी समय बर्बाद हुआ है। ऐसे में कोर्ट की अवमानना का मामला बनता है। इसलिए संबंधित डाक्टर अपनी राइटिंग पर जवाब पेश करें।
साथ ही स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर डाक्टरों की राइटिंग में सुधार के आदेश दे। ऐसी राइटिंग नहीं लिखा जाए, जिससे कोर्ट का समय बर्बाद हो। बावजूद इसके नहीं सुधारा जाता है तो कोर्ट की अवमानना का केस चलाया जाएगा।
राइटिंग को लेकर एमसीआई ने भी दिए हैं निर्देश
डाक्टरों की खराब राइटिंग को लेकर एमसीआई भी दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है। अगर डाक्टर कोई भी दवाई या रिपोर्ट लिख रहा है तो वह अंग्रेजी के केपिटल शब्दों का उपयोग करे। बावजूद इसके राइटिंग में सुधार नहीं हुआ। हाईकोर्ट ने खराब राइटिंग को खुद संज्ञान में लिया है।