भोपाल। सोमवार आधी रात के बाद गिरे फ्लाई ओवर मामले में भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने भीड़ के बीच खुद को जनहितैषी प्रमाणित करने का उपक्रम तो काफी किया गया परंतु हादसे में मृत दंपत्ति की लाशों को लावारिस छोड़ दिया। उनका अंतिम संस्कार तो दूर, लाशों को श्मशान तक भी नहीं पहुंचाया। एक समाजसेवी संस्था जनसंवेदना ने मृतकों का कफन दफन कराया।
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे महापौर आलोक शर्मा बड़े दृवित दिखाई दिए। उन्होंने मौके से ही कलेक्टर को फोन लगाया और कहा कि 'हैलो कलेक्टर साहब... मैं महापौर आलोक शर्मा बोल रहा हूं। इतना बड़ा हादसा हो गया, आपने अभी तक जांच के आदेश दिए या नहीं। आप पूरे ब्रिज की सूक्ष्मता से जांच कराएं। जो भी पुल जर्जर हैं, उनकी मरम्मत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को ताकीद करें। इसमें लापरवाही की गई तो आला अफसरों से मिलकर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करवाऊंगा।' इसके बाद महापौर ने फोन काट दिया।
कुछ देर बाद उन्होंने मौके से पीडब्ल्यूडी के एसई एमपी सिंह को फोन लगाया और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए आप भारत टाकीज रेलवे ओवर ब्रिज का निरीक्षण कर मरम्मत कार्य कराने के निर्देश दें। ब्रिज से रेलवे स्टेशन, रेल कोच फैक्ट्री, द्वारका नगर, राजेन्द्र नगर, कोलुआ, करारिया, अशोका गार्डन, चांदबड़ भेल और रायसेन रोड की तरफ जाने वाले लोगों की आवाजाही होती रहती है। इनकी सुरक्षा हम सभी की जिम्मेदारी है।