भोपाल। इन दिनों एक एनजीओ संचालक लड़की काफी सुर्खियों में है। उसने जनसंपर्क विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पर छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करा रखा है। इसके बाद वो गायब हो गई। भोपाल से गायब हुई तो पंचकुला में प्रकट हुई। लौटकर बताया कि किडनेपिंग हुई थी लेकिन डिप्टी डायरेक्टर ने नहीं करवाई थी। कहानी कुछ ऐसी की पुलिस भरोसा नहीं कर पा रही।
हबीबगंज सीएसपी जयंत राठौर के मुताबिक कोलार थाना पुलिस एनजीओ संचालक को सोमवार शाम ट्रेन से लेकर भोपाल पहुंची। उससे महिला थाने में पीड़िता के बयान लिए गए। उसने बताया कि 14 अक्टूबर की रात करीब साढ़े 9 बजे वह घर के बाहर टहल रही थी। एक झांकी उसके सामने से जा रही थी। इसी दौरान तीन महिलाएं सफेद रंग की इंडिका कार से उतरकर उसके पास आईं। उन्होंने एक कागज दिखाते हुए पता पूछने का बहाना किया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाती एक महिला ने उस पर कंबल उड़ाकर उसे जबरन कार में बैठा लिया। इसके बाद उसे हिमाचल प्रदेश तक बदल-बदलकर तीन से चार कार में ले जाया गया। वह उसे पंचकुला के पास छोड़कर भाग गए। बेहोश रखने के लिए उन्होंने उसे ड्रग्स दिए थे। हालांकि हिमाचल पुलिस ने महिला की मेडिकल रिपोर्ट में ड्रग्स दिए जाने की पुष्टि नहीं की। देर रात तक चली पूछताछ के बाद पुलिस ने पीड़िता को परिजनों को सौंप दिया।
यह है मामला
एनजीओ संचालक की शिकायत पर महिला थाना पुलिस ने जनसंपर्क के उप संचालक आरएस मीणा के खिलाफ 14 अक्टूबर को छेड़छाड़ का प्रकरण दर्ज किया था। पीड़िता ने करीब 8 दिन पहले उनके खिलाफ लिखित शिकायत की थी। प्रकरण दर्ज होने की शाम पीड़िता की मां ने कोलार पुलिस से बेटी के गायब होने की शिकायत की थी। उन्होंने आरएस मीणा पर अपना संदेह जाहिर किया था।