भारत में डिजिटल इंडिया की शुरुआत के साथ ही पाकिस्तानी हैकर्स ने हमले शुरू कर दिए हैं। एक एक करके वेबसाइट हैक की जा रहीं हैं और डाटा भी चुराया जा रहा है। जबलपुर में तो पुलिस की वेबसाइट हैक कर कई लोगों को धमकी भी दी गई। एक रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि भारत साइबर अपराधियों के लिए तेजी से एक रणनीतिक लक्ष्य बन रहा है।
भारत में 2015 की पहली छमाही में करीब 38 फीसदी संगठनों को साइबर अटैक का सामना करना पड़ा। साइबर सिक्योरिटी उपलब्ध कराने वाली फर्म फायरआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 38 फीसदी कंपनियां साइबर अटैक से प्रभावित हुई हैं, जबकि पिछले साल साइबर अटैक से 23 फीसदी कंपनियां ही प्रभावित थीं।
रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल इंडिया जैसी परियोजनाओं की वजह से संवेदनशील डेटा को डिजिटलाइज करने की प्रक्रिया जोरों पर है, जिसकी वजह से साइबर क्राइम के खतरे और भी बढ़ गए हैं।
गौरतलब है कि लोग इंटरनेट पर जितने ज्यादा संवेदनशील डेटा रखेंगे, हैकर्स के लिए उनका काम और आसान हो जाएगा। हैकर्स साइबर अटैक के जरिए कंपनियों को ब्लैकमैल कर के मोटी रकम वसूल करते हैं। हैरानी की बात यह भी है कि साइबर सिक्योरिटी के मामले में भारत दूसरे देशों के मुकाबले काफी पिछड़ा है।