राकेश दुबे प्रतिदिन। और उस दिन सेंसेक्स 162 अंकों के उछाल के साथ बंद हुआ। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी रिजर्व बैंक के उस कदम का स्वागत किया और कारोबारियों ने बैंकों से मांग की है कि वे इस बार सिर्फ 0.05 प्रतिशत कटौती की जगह रेपो दर में इस वर्ष की गई कुल कटौती 1.25 प्रतिशत का फायदा ग्राहकों को दें ताकि कारोबार जगत में व्याप्त सुस्ती को दूर करके विकास के मार्ग को प्रशस्त किया जा सके| यह उस सरकार के निर्णय है, जो महंगाई कम नहीं कर सकी है। पूर्व में नीतिगत दरों में कटौती के बाद भी बैंकों ने यह कहते हुए आधार दर में कटौती नहीं की थी कि वे पूंजी की कमी और बढ़ते हुए एनपीए की समस्या से जूझ रहे हैं। इसलिए उनके लिए आधार दर में कटौती करना संभव नहीं है. इस पर रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बैंकों को कड़ी फटकार लगाई थी।
लेकिन, इस बार रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती के तुरंत बाद भारतीय स्टेट बैंक ने अपने आधार दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती कर दी, जिससे विभिन्न कर्ज दरों में 0.40 प्रतिशत की कमी आ सकती है। यह कटौती पांच अक्टूबर से प्रभावी होगी। वैसे बैंक अब भी सस्ती पूंजी की कमी और एनपीए के भयावह स्तर से त्रस्त हैं। लिहाजा छोटे बैंकों के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा।
रिजर्व बैंक, रेपो एवं रिवर्स रेपो के द्वारा बाजार की मौद्रिक स्थिति को संतुलित रखता है|केंद्रीय बैंक बाजार में नकदी की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिये रेपो दर में कटौती करता है| इसी तरह रिवर्स रेपो दर की मदद से रिजर्व बैंक बाजार में उपलब्ध अतिरिक्त नकदी को सोख लेता है| दोनों का इस्तेमाल बाजार में नकदी पर नियंत्रण करने के लिये किया जाता है| रेपो दर वह दर होती है जिस पर वाणिज्यिक बैंक रिजर्व बैंक से अल्पकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये नकदी लेते हैं और रिवर्स रेपो दर ठीक इसका उलटा होती है| वहीं सीआरआर बैंकों के पास जमा राशि का वह हिस्सा है, जिसे बैंकों को केंद्रीय बैंक के नियंत्रण में रखना होता है|
यहाँ यह तथ्य भी ध्यान रखने योग्य है कि महंगाई का साया अब भी पूरी तरह से दूर नहीं हुआ है| मानसून के गड़बड़ होने के कारण खरीफ फसल के उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है| फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत नियंत्रण में है, लेकिन उसमें बढ़ोतरी के कयास लगाए जा रहे हैं|ऐसे में क्या यह निर्णय लाभकारी होगा ?
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
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