मुरैना। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा रिकमंडेड ऐसर पैथोलॉजी लैब की जांच रिपोर्ट फर्जी निकली। लैब ने जिस लड़की को ब्लड कैंसर बताया था, दिल्ली में हुई जांच में वो पूर्ण स्वस्थ निकली। अब सवाल यह है कि रिपोर्ट लैब की ओर से गलत बनाई गई या मरीज को रिफर करने के बदले प्राइवेट अस्पतालों से मिलने वाले कमीशन के लालच में डॉक्टरों ने यह रिपोर्ट फर्जी बनवाई।
मुरैना के गणेशपुरा निवासी जावेद खान की 18 वर्षीय बेटी कहकशां खान को कुछ माह पूर्व दर्द की शिकायत हुई थी। जिस पर जावेद ने अपनी बेटी को पहले मुरैना अस्पताल में पदस्थ डॉ. योगेश तिवारी और फिर डॉ. विनय अग्रवाल को दिखाया।
डॉ. अग्रवाल ने कहकशां की ब्लड जांच के लिए लिखा। जिस पर 19 जुलाई 2015 को जावेद ने अपनी पुत्री की जांच जिला चिकित्सालय के सामने स्थित ऐसर पैथोलॉजी लैब में कराई। पैथोलॉजी संचालक द्वारा जावेद से जांच के 1600 रुपए लिए एवं जांच रिपोर्ट में बताया गया कि मरीज को ब्लड कैंसर है। रिपोर्ट में कैंसर फर्स्ट स्टेज बताया गया था।
घबराए परिजन लड़की को लेकर ग्वालियर और आगरा भी गए। इसी दौरान एक लोकल डॉक्टर ने उन्हे दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल जाने की सलाह दी। यहां डॉक्टर दिनेश भूरिया को दिखाया गया। डा. भूरिया ने जब मुरैना स्थित ऐसर पैथोलॉजी लैब की जांच रिपोर्ट देखी तो उन्हें कुछ संदेह हुआ। उन्होंने कहकशा की राजीव गांधी कैंसर हॉस्पीटल में ही जांच कराई, लेकिन जांच में लड़की को किसी प्रकार का कोई कैंसर नहीं पाया गया।
कुल मिलाकर एक फर्जी जांच रिपोर्ट के कारण एक परिवार 2 माह तक परेशान होता रहा। यह परेशानी किस स्तर की रही बताने की जरूरत नहीं है।