सागर एस्सेल के बिजनेस हेड ने नहीं उठाया फोरम के अध्यक्ष का फोन

सागर। बिजली शिकायत निवारण फोरम जबलपुर के अध्यक्ष एके कुलश्रेष्ठ सोमवार को एस्सेल कंपनी के बिजनेस हेड को फोन लगाते रहे, लेकिन उनका फोन रिसीव ही नहीं किया। फोरम में शिकायत लेकर आए परेशान उपभोक्ताओं ने अध्यक्ष के सामने जमकर भड़ास निकाली और खूब खरी-खोटी सुनाई। उपभोक्ताओं के आरोप थे कि एस्सेल मनमानी कर रही है और बिजली विभाग और फोरम शिविर के नाम पर केवल औपचारिकताएं कर रहा है।

पावर हाउस परिसर में सोमवार को बिजली उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम ने शिविर लगाकर बिजली, बिल, मीटर सहित अन्य शिकायतें सुनीं। दोपहर करीब 2 बजे बड़ा बाजार क्षेत्र के करीब दर्जनभर उपभोक्ता यहां शिकायत लेकर पहुंचे। एस्सेल के बिलों में गड़बड़ी और शिकायतें नहीं सुनी जाने और बिजली सुधार नहीं होने का आरोप लगाते हुए सिंटू कटारे व उनके साथ आए लोगों ने मौके पर मौजूद एस्सेल, पूर्व क्षेत्र कंपनी के अधिकारियों और फोरम के अध्यक्ष को खरी-खोटी सुना दी। शिविर में कुछ समय के लिए हंगामा जैसी स्थिति बन गई। उपभोक्ता कटारे ने फोरम के अध्यक्ष श्री कुलश्रेष्ठ से कहा कि जिनसे हमें शिकायत हैं, उस कंपनी के बिजनेस हेड शिविर में मौजूद नहीं हैं। आप उन्हें शिविर में बुलाएं। लोगों का आक्रोश देखकर श्री कुलश्रेष्ठ ने मौके से ही बिजनेस हेड वाय सतीष को कई दफा फोन लगाया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। बाद में शिकायतें पंजीबद्घ कर एस्सेल के मैनेजर व अन्य संबंधित अधिकारियों को सौंपी गईं।

शाम चार बजे तक शिविर में करीब 59 उपभोक्ता शिकायतें लेकर आए। कई शिकायतों का मौके पर निराकरण कराने का प्रयास किया गया है। जो गंभीर शिकायतें थीं, उन्हें समय सीमा में निराकरण के निर्देश के साथ एस्सेल के अधिकारियों को सौंपा गया है। शिविर में मप्र पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी के चीफ इंजीनियर प्रकाश कावड़े, अधीक्षण अभियंता जीपी सिंह, मॉनीटरिंग सेल के प्रभारी एके सावरीकर, जयकांत सोनी, रामविवेक गौतम सहित फोरम के सदस्य व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

अध्यक्ष ने माना, लापरवाही है
विद्युत शिकायत निवारण फोरम के अध्यक्ष एके कुलश्रेष्ठ ने शिविर में आई शिकायतों पर कहा कि लापरवाही तो दिख रही है। मैंने स्वयं एस्सेल के बिजनेस हेड को फोन लगाया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ। वे शिविर में नहीं आए। इधर उपभोक्ताओं की शिकायतों के बारे में बताया कि अधिकांश शिकायतें मीटर तेज चलने से संबंधित हैं। एस्सेल द्वारा अधिक बिल दिए जाने, मीटर तेज चलने व शिकायत करने पर कोई सुनवाई न होने जैसी शिकायतें लेकर उपभोक्ता आए थे।

पहले 351, अब मात्र 59 शिकायतें
बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार एस्सेल कंपनी के खिलाफ सोमवार को करीब 40 शिकायतें आई हैं, जबकि इसके पूर्व के शिविर में 351 और उससे पहले के शिविरों में इससे कहीं अधिक शिकायतें पंजीबद्घ की गई थीं। इस मामले में बिजली मामलों के जानकार अधिवक्ता पवन नन्हौरिया तथा अनुराग मिश्रा का कहना है कि शिविर तो शुरू से लग रहे हैं, लेकिन अधिकांश शिकायतों का फोरम के निर्देश के बाद भी सही तरीके से निराकरण नहीं किया जाता। लोगों का फोरम में शिकायत निराकरण को लेकर भरोसा कम होता जा रहा है। ऐसा नहीं है कि शिकायतें नहीं हैं। शिकायतें तो हर उपभोक्ता के पास हैं, लेकिन पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी और फोरम विश्वास खोते जा रहे हैं।

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