जबलपुर। 29 जुलाई को बहला फुसलाकर किडनेप कर ली गई एक नाबालिग लड़की के मामले में हाईकोर्ट ने दमोह पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए उसे 27 अक्टूबर तक न्यायालय में पेश करने के आदेश दिए हैं। पुलिस ने इस मामले में केवल गुमशुदगी दर्ज की थी एवं अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
सोमवार को न्यायमूर्ति संजय यादव की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिकाकर्ता गढ़ा जबलपुर निवासी महिला का पक्ष अधिवक्ता मोहम्मद कासिम ने रखा।
उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता की भतीजी जो कि 10 दिसम्बर 2015 को 15 साल की पूरी होगी, दमोह से जबलपुर पढ़ने आई थी। यहां अमित जैन नामक युवक ने उसे 20 जुलाई के दिन अपह्त कर लिया। उसने नाबालिग को शहर से बाहर ले जाकर कहीं छिपा दिया है। 22 जुलाई को इस संबंध में पुलिस थाने पहुंचकर बाकायदे एफआईआर दर्ज कराई गई। जब देखा गया कि स्थानीय पुलिस मामले को गंभीरता से न लेकर महज गुमशुदगी के दायरे में रखकर काम कर रही है तो पुलिस अधीक्षक से 30 जुलाई को शिकायत की गई। इसके बावजूद स्थिति वही ढ़ाक के तीन पात रहने पर न्यायहित में हाईकोर्ट चले आए। कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद नाबालिग के अपहरण को गंभीरता से लेने पुलिस को हिदायत दे दी।