विवेक शर्मा/चंडीगढ़। हाईकोर्ट ने स्कूल बसों के मामले में उल्लेखनीय निर्देश जारी किए हैं। स्कूल संचालकों ने भी इसका स्वागत किया है। हाईकोर्ट ने सुझाव दिया है कि सभी स्कूलों के लिए एक ही बस आॅपरेटर काम करे। इससे बसों की संख्या कम होगी और किराया भी।
शुक्रवार को जस्टिस राजीव भल्ला ने स्वयं संज्ञान मामले में सुनवाई करते हुए सभी प्राइवेट स्कूलों को 1 ही बस आॅपरेटर की सेवाएं लेने का सुझाव दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि एक ही बस आॅपरेटर को जिम्मेदारी देने से परिजनों पर बस की फीस का बोझ कम होगा। वहीं दूसरी तरफ बच्चों को सुरक्षित स्कूल लाने और स्कूल से घर छोडऩे के लिए बनाई गई पॉलिसी की पालना आसान हो जाएगी। इस दौरान हाईकोर्ट के आदेशों के अनुरूप सीटीयू बसों में स्कूल से घर और घर से स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या का ब्यौरा डीपीआई चंडीगढ़ ने कोर्ट में पेश किया। डीपीआई ने हलफनामे में बताया कि सीटीयू बसों में चंडीगढ़ के 109 सरकारी स्कूलों के 6469 बच्चे सफर करते हैं।
हाईकोर्ट ने सीटीयू द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही इस सुविधा को अच्छी पहल मानते हुए हरियाणा और पंजाब सरकार को भी इस प्रकार की स्कीम पर विचार करने के निर्देश दिए हैं।