भोपाल। कथावाचक आसाराम के कालेधन की मध्यप्रदेश में खोजबीन के लिए सूरत से आयकर विभाग की टीम तीन हफ्ते बाद फिर भोपाल-इंदौर पहुंची। भोपाल के ईदगाह हिल्स स्थित रवींद्र सिंह भटेजा एवं इंदौर में आसाराम के नजदीकी मोहन लुधियानी के कमरों में लगी विभाग की सील (पीओ) हटा दी। दोनों के यहां मिले दस्तावेजों के बारे में पूछताछ भी की गई है।
यौन उत्पीड़न के आरोपी एवं जेल में बंद आसाराम की काली कमाई की तलाश में आयकर अफसरों ने तीन सप्ताह पहले भोपाल, इंदौर, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान एवं महाराष्ट्र के कई शहरों में एक साथ छापामारी की थी। शुक्रवार को भोपाल में पहुंचकर आयकर अफसरों ने भटेजा के निवास पर मिले दस्तावेजों की छानबीन की। साथ ही उसके बैंक लॉकरों को खोलकर देखा। इंदौर में रीयल इस्टेट के कारोबारी मोहन लुधियानी से पूछताछ की गई। छापे की कार्रवाई के दौरान सूरत से आई आयकर अफसरों की टीम ने लुधियानी के घर के कुछ हिस्से में जब्त दस्तावेज रखकर विभाग की सील (पीओ) लगा दी थी। लुधियानी से जुड़े भोपाल स्थित भटेजा के निवास पर भी पीओ लगाया गया था। शुक्रवार को आयकर अफसरों ने भटेजा के यहां जाकर छानबीन की कार्रवाई पूरी कर पीओ हटा दिया। इसके बाद टीम ने इंदौर का रुख किया। लुधियानी के खातीवाला टैंक इलाके में स्थित आवास और अपोलो टावर्स के दफ्तर में जांच की गई।
कालेधन पर सस्पेंस
कालेधन संबंधी सुराग न मिलने से आसाराम की दौलत को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। बताया जाता है कि आसाराम ने लुधियानी के जरिए बड़ी रकम ब्याज पर चला रखी थी, आयकर विभाग इसी राशि की तलाश में है। कालेधन की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल(एसआईटी) भी इस अभियान की निगरानी कर रही है। विभागीय टीम ने देश के आधा दर्जन राज्यों में स्थित अनेक ठिकानों से साक्ष्य जुटाए हैं। इसी के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।