भोपाल। इंडियन कोस्टगार्ड के शहीद डिप्टी कमांडेंट मनोज सोनी की पत्नी पर आरोप है कि सरकार से मिला मोटा मुआवजा लेकर शहीद की पत्नी ने मुंह फेर लिया है। वो मनोज के परिवार के संपर्क में ही नहीं है। यहां तक कि उसने अपने पति की अस्थियां तक विसर्जित नहीं कीं।
अमेरिका बसने की योजना
शहीद मनोज सोनी के पिता राधेश्याम सोनी का आरोप है कि उनकी बहू मुआवजे से मिले लाखों रुपयों से अमेरिका में बसना चाहती है। इसके लिए उसने तैयारियां भी शुरू कर दी है। शहीद के पिता के मुताबिक, अगस्त में श्रद्धांजलि सभा के बाद उनकी बहू मायके में है।
राधेश्याम सोनी ने बताया कि अमृता को तमिलनाडु और मध्यप्रदेश सरकार से 10-10 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिली हैं। कोस्टगार्ड की तरफ से करीब एक करोड़ रुपए मिलेंगे और पेंशन भी अमृता को ही मिलेगी।
अस्थियां विसर्जित करने भी नहीं पहुंची
राधेश्याम सोनी ने बताया कि मुआवजे के पैसे मिलने के बाद अमृता ने ससुरालवालों से पूरी तरह दूरी बना ली है। भावुक होकर पिता बताते है कि अमृता अपने पति के अस्थि विसर्जन में भी शामिल नहीं हुई थी। यहां तक की मनोज की छोटी बहन अनामिका के बर्थडे पर भी उसने फोन नहीं किया।
मायके से सीधे पहुंची सीएम हाउस
राधेश्याम सोनी के मुताबिक, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने 10 लाख का चेक दिया तो अमृता ससुराल वालों के साथ गई थी। इसके बाद, अमृता ने ससुराल पक्ष से पूरी तरह से दूरी बना ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद के घरवालों को मुआवजे का चेक देने के लिए अपने बंगले पर बुलाया तो बहू अपने मायके से सीधे सीएम हाउस पहुंची और चेक लेने के बाद अपने मायके चली गई।
शहीद की पत्नी बोली, निजी मामला
अमृता ने एक अखबार से इंटरव्यू में कहा कि यह उनका निजी मामला है और वे इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहतीं। मनोज की शादी अमृता के साथ वर्ष 2009 में हुई थी।
भोपाल में हुआ था मनोज का जन्म
राधेश्याम सोनी मूलरूप से शाजापुर जिले के सलसलाई ग्राम के रहने वाले हैं। 1981 में बीएचईएल में नौकरी लगने के बाद से ही वह परिवार के साथ भोपाल शिफ्ट हो गए थे। मनोज का जन्म 12 नवंबर 1983 को भोपाल में ही हुआ था। स्कूली शिक्षा भोपाल में पूरी करने के बाद मनोज ने आगे की पढ़ाई के लिए पुणे और दिल्ली का रुख किया। 2009 में मनोज ने कोस्टगार्ड ज्वाइन कर लिया था।