राजेश शुक्ला/अनूपपुर/डेस्क/भोपाल। पुष्पराजगढ़ का एसडीएम इन दिनों माफिया का ऐजेंट बनकर काम कर रहा है। खनिज माफिया के खिलाफ खबरें प्रकाशित करने वाले पत्रकारों को बुलाकर धमकाता है। उन्हें आदिवासी एक्ट के तहत फंसाने की धमकियां दे रह है। यह शिकायत पत्रकारों ने एकजुट होकर कलेक्टर अनूपपुर एन एस परमार से की।
कलेक्टर ने भरोसा दिया कि वो निडर होकर माफिया की गतिविधियों का खुलासा करें। शिकायत में दर्ज एक एक बिन्दु की जांच कराई जाएगी एवं दोषी पाए जाने पर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
पत्रकारों ने बताया कि पुष्पराजगढ विकासखंड में पदस्थ एसडीएम राहुल हरिदास फटिंग द्वारा पत्रकारो के खिलाफ द्वेष भावना से कार्य किया जा रहा है। अवैध माईनिंग के खिलाफ पत्रकारो द्वारा चलाए गए मुहिम से नाराज खनिज माफियाओं के पक्ष में एसडीएम पुष्पराजगढ वहां के पत्रकारो को जेल भेजने की धमकी दे रहे है। यहां तक की वे आदिवासी एक्ट में पत्रकार के विरूद्घ अनुसूचित जाति अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कराने तक की धमकी देकर जेल भेजने की चेतावनी दे रहे है।
पुष्पराजगढ के पत्रकार राजेन्द्र सिंह और बृजेन्द्र सोनवानी विगत २३ सितम्बर को क्षेत्र में समाचार कवरेज के दौरान ग्राम सोनियामार में अवैध पत्थर के परिवहन एवं उत्खनन में संलग्न एक ट्रैक्टर की सूचना क्षेत्र के हल्का पटवारी मिथलेश तिवारी को उनके मोबाइल नंबर ९४२५४७२०११ पर दी। कुछ देर में मौके पर पटवारी पहुंचे तथा उन्होने पत्रकारो के समक्ष ही अवैध पत्थर से लोड ट्रेक्टर का पंचनामा तैयार किया। पटवारी द्वारा पत्थर लदे ट्रैक्टर को जप्त कर थाना राजेन्द्रग्राम में ले जाया जा रहा था तभी मार्ग में अचानक ट्रैक्टर चालक व एक अन्य व्यक्ति ट्रैक्टर रोक कर भाग खडे हुए।
जिसकी सूचना पटवारी ने एसडीएम राहुल हरिदास फटिंग को मोबाइल पर दी तब कुछ समय बाद मौके पर वे पहुंचे और पत्रकारो पर ही ट्रैक्टर चालक और मालिक को भगाने का आरोप लगाते हुए उन्हे अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए धमकाने लगे। इसके तत्काल बाद न तो एसडीएम ने उक्त ट्रैक्टर मालिक व चालक के विरूद्घ कोई कार्यवाही की और न ही पत्थर लदे जप्तसुदा ट्रैक्टर को थाने भेजने की कार्यवाही की।
एसडीएम ने पत्रकार राजेन्द्र सिंह एवं बृजेन्द्र सोनवानी को नोटिस देकर ट्रैक्टर को अवैध रूप से रोकने तथा वाहन चालक/मालिक से सांठगांठ कर छोड देने का आरोप लगाने, शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए दंडात्मक कार्यवाही करने की सूचना दी गई। उक्त नोटिस का जवाब 26 सितम्बर को प्रस्तुत किया। 7 अक्टूबर को एसडीएम के निर्देश पर उनकी अदालत में अपने कथन दर्ज कराने के लिए अपने अधिवक्ता के साथ प्रस्तुत हुआ तो उन्होने अधिवक्ता को न्यायालय से यह कहते हुए बाहर कर दिया कि उन्हे इस मामले में न्यायालय में खडे होने की पात्रता नही है।
इससे पूर्व उन्होने ट्रैक्टर मालिक के लिये गये बयान के अधार पर जाति का जिक्र करते हुए पत्रकार राजेन्द्र सिंह को अनुसूचित जाति प्रकरण में फंसा कर जेल भेजने की धमकी दी गई। जबकि समाचार संकलन के दौरान क्षेत्र में कई तरह की घटनाएं, अवैध कार्यो की जानकारी हमें प्राप्त होती है जिसे हम तत्काल शब्दश: प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाने का कार्य करते है। यह एक जिम्मेदार नागरिक का कर्तव्य भी है।
हमारे द्वारा अवैध पत्थर उत्खनन और परिवहन की सूचना एसडीएम पुष्पराजगढ राहुल हरिदास फटिंग को देने के बावजूद अवैध कार्यो में संलग्न लोगो के विरूद्घ कोई सक्षम कार्यवाही न कर उल्टे पत्रकारो को ही आरोपी बनाना कहीं न कहीं उनके द्वारा प्राप्त प्रशासकीय शक्तियों का गलत प्रयोग है ऐसे में हमारे द्वारा पत्रकारिता का धर्म निभाना असंभव हो गया है जबकि कलेक्टर नरेन्द्र सिंह परमार कई बार निष्पक्ष, निर्भीक एवं स्वतंत्र वातावरण में पत्रकारिता का महौल देने का दावा करते रहे है।
यह रहे उपस्थित
कलेक्टर को ज्ञापन सौपने के दौरान जिले भर के पत्रकार जिनमें मनोज द्विवेदी, कैलाश पाण्डेय, मनोज शुक्ला, राजेश शिवहरे, राजेश शुक्ला अजीत मिश्रा, राजेश सिंह, राजनारायण द्विवेदी, मो.अनीश,मुरदुल मिश्रा, विजय उरमलिया, आनंद पाण्डेय, महेश कुमार, नामुनद्दीन अली, पुष्पेन्द्र त्रिपाठी, आकाश नामदेव, पूरन चंदेल, अमित शुक्ला, भानू प्रताप साहू, राजेन्द्र कुमार, बृजेन्द्र सोनवानी, संजीत सोनवानी आदि उपस्थित रहे।