भोपाल। गुना के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से एक महिला बांझ बन गई। अब वो कभी संतान को जन्म नहीं दे पाएगी।
यह पूरा मामला गुना का है। जहां पर राघौगढ़ की साडा कॉलोनी में रहने वाली राधा बाई को 11 सितंबर को डिलेवरी के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया था। नार्मल डिलेवरी के बाद जच्चा-बच्चा दोनों का ही स्वास्थ्य अच्छा था। जिस वजह से दोनों को तीन दिन बाद ही 14 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
थोड़े दिन बाद ही राधा बाई के पेट में दर्द उठने लगा जिसे परिवार वालों ने सामान्य समझा। लेकिन इसके बाद ये दर्द और भी बढ़ता गया जिस पर चिंतित परिजन महिला को एक निजी चिकित्सक के पास लेकर गए।
जांच में पता चला कि, महिला के गर्भाशय में कुछ अटका हुआ है जिससे इंफेक्शन फैल रहा है। महिला के गर्भाशय का ऑपरेशन किया तो उसमें से एक कपड़ा निकला। कपड़े के कारण इंफेक्शन इतना फैल गया था कि महिला अब कभी मां नहीं बन सकेगी।
ये मामला सामने आने के बाद पीड़िता के परिवार ने जब सरकारी अधिकारियों से इसकी शिकायत की तो स्वास्थ्य अधिकारियों ने अस्पताल की गलती होने की बात से साफ इनकार कर दिया। ब्लॉक मेडिकल अधिकारी जलालउद्दीन का कहना है कि, उन्होंने शिकायत के बाद इस मामले की जांच करवाई थी। जांच में ये सामने आया है कि इस मामले में अस्पताल की कोई गलती नहीं है। रक्ततस्राव रोकने के लिए जो पैकिंग लगाई गई थी, उसे बाद में हटा लिया गया था।
वहीं महिला का इलाज कर रही निजी चिकित्सक निशा का कहना है कि, महिला के गर्भाशय में कपड़ा पाया गया था। करीबी एक महीने से ज्यादा समय तक कपड़ा रहने से इंफेक्शन फैल गया। जिससे राधा बाई को अंदरूनी तौर पर काफी नुकसान पहुंचा है।