भोपाल कोर्ट हुई आॅनलाइन, मोबाइल पर मिलेगी तारीख

भोपाल। केस कोर्ट में लगा या नहीं। लग गया है तो किस जज की कोर्ट में है। जज ने सुनवाई तारीख कब की दी है। ये सब सवाल अब पक्षकार को वकीलों से नहीं पूछने पड़ेंगे। कोर्ट में सालों से अटके ढाई लाख मामलों और पांच करोड़ पन्नों के रिकॉर्ड को हाईकोर्ट ने ऑनलाइन कर दिया है। साथ ही जिम्मेदारी भी तय कर दी है कि जमानत याचिका लगने के पांचवें और सिविल मामलों की तीसरे दिन सुनवाई होगी। यदि किसी वजह से इस दिन केस सुनवाई में नहीं लिया गया तो जमानत के केस दूसरे दिन अपने आप जज की सूची में लिस्ट हो जाएंगे। सिविल मामलों में तीसरे दिन सुनवाई नहीं हुई तो सातवें दिन केस खुद लिस्ट हो जाएगा।

प्रमुख सचिव वीरेंद्र सिंह ने बुधवार को बताया कि सालों से लंबित ढाई लाख मामलों का डाटा बैंक तैयार कर लिया गया है। इन्हें जल्द से जल्द निपटाने के लिए ‘पुराने पहले-नए बाद में’ (ओल्डेस्ट टू न्यूएस्ट) की तर्ज पर केस ऑनलाइन लिस्ट होंगे। अंग्रेजी के साथ हिंदी की भी वेबसाइट बनाई गई है।

इससे आम लोगों को हाईकोर्ट की प्रक्रिया समझने में आसानी होगी। आने वाले कुछ दिनों में पक्षकार से कहा जाएगा कि वह अपना केस फाइल करते समय ई-मेल और मोबाइल नंबर दें। इससे उन्हें दोनों माध्यमों से केस की ताजा जानकारी मिलेगी।

जब किसी नई व्यवस्था में स्विच ओवर (जाते हैं) होते हैं तो पुरानी व्यवस्था में काम करने वालों को दिक्कत होती है। इन बदलावों के प्रयोग पिछले कुछ माह से हो रहे थे, जिसका वकीलों ने विरोध भी किया। अब उन्हें लागू कर दिया गया है। पहले वकील क्लाइंट से कह देते थे कि केस लिस्ट नहीं हुआ। अब ऐसा नहीं होगा। बड़े लोगों या वकीलों के केस प्राथमिकता से सुनने पर रोक लगेगी। सभी को बराबरी का अवसर मिलेगा। मप्र हाईकोर्ट की कम्प्यूटराइज्ड व्यवस्था काे चीफ जस्टिस की कांफ्रेंस में तारीफ मिली। सुप्रीमकोर्ट ने भी सराहा है। भारत सरकार इस सिस्टम को इस्तेमाल करने की बात कर रहा है।- रविनंदन सिंह, हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता

यह होगा फायदा
>आदेश का उसी दिन ऑनलाइन प्रिंट ले सकेंगे। जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर में कियोस्क लगाए गए हैं, जिनसे सर्टिफाइड कॉपी मिल सकेगी।
>सरकार के खिलाफ और सरकार द्वारा प्रस्तुत मामले विभागवार अलग होंगे। किन मामलों में कब जवाब देना है, सुनवाई कब है पता लग सकेगा।
>एक ही मामलों से जुड़ी अलग-अलग याचिकाएं ऑनलाइन सिस्टम से अपने-आप एकसाथ हो जाएंगी। इससे सुनवाई में आसानी होगी।
>ऑनलाइन आदेश की कॉपी तुरंत मिलने के बाद वकीलों को उसके हिसाब से आगे की कार्यवाही की तैयारी का समय मिल जाएगा।
>याचिका लगाते ही कम्प्यूटर से तारीख मिलेगी।

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