सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। वनों से आच्छांदित बालाघाट जिले में वनों का वन माफियाओं द्वारा खुलेआम दोहन किया जा रहा है। और इस कारगुजारी में वन अमला भी शामिल है। अभी हाल ही में वन विभाग के लांजी स्थित काष्ठागार और बांसागार में लकड़ीयों और बांसों की हेराफेरी का मामला उजागर हुआ था जिसकी अभी जांच चल रही है। इसी बीच यहां एक ऐसा चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि वन अमले की मिलीभगत से वनमाफियाओं के द्वारा फर्जी टिम्बर मार्ट के नाम से टीपी जारी कर बेशकीमती इमारती लकड़ियां परिवहन करवाई जा रही है।
उपवनमण्डलाधिकारी दक्षिण सामान्य वन मण्डल बालाघाट सी बी गुप्ता को मुखबीर से सूचना मिली थी कि फर्जी टिम्बर मार्ट के नाम से बालाघाट रेंज से टीपी जारी कर 4 ट्रक साजा प्रजाति की लकडियां का परिवहन छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के लिये किया जा रहा है। सूचना पर श्री गुप्ता ने बालाघाट रेंज से समस्त टीपी की बुक बुलवाकर 2 अक्टूबर से जांच शुरू की गई।
सर्व प्रथम जारी टीपी के आधार पर उसमें दर्शित किये गये सांई टिम्बर के स्थान की छानबीन की गई जहां कुछ विभाग को मिला ही नही संदेह होने पर तत्काल बालाघाट से राजनांदगांव के बीच पडने वाले वन वेरियर टेकाड़ी, उकवा, बैहर और सालेटेकरी की छानबीन की गई तो वहां से ट्रक परिवहन होना पाया गया।
फर्जीवाड़ा होने पर उप वनमण्डलाधिकारी श्री गुप्ता हमराह वन अमले के साथ फर्जी टिम्बर संस्था की बिल और टीपी में उल्लेखित परिवहन वाले संस्था राजनांदगांव पहुचकर शिव टिम्बर की छानबीन कि तो वहां पर उक्त टीपी में उल्लेखित सभी लकडियां पाई गई जिसे राजनांदगांव के वन अमले के सहयोग से करीब 50 घनमीटर लकड़िया उक्त टिम्बर संस्था के यहां जप्ती की कार्यवाही की गई और टिम्बर मालिक नंदलाल पिता रतनसी पटेल निवासी राजनांदगांव के विरूद्ध पीओआर क्रमांक 11630/04, 3 अक्टूबर 2015 के तहत मामला दर्ज कर जांच षुरू की गई।
सूत्रों के अनुसार जांच में यह तथ्य सामने आया है कि जिस संस्था के बिल के आधार पर टीपी जारी की गई वह संस्था बालाघाट में नही है और नही पंजीकृत है अब सवाल यह पैदा होता है कि बालाघाट रेंज से जारी करने वाले अधिकारी के द्वारा उक्त संस्था की असलियत का पता लगाकर टीपी क्यों नही जारी कि गई, जिसमें बालाघाट रेंज के अधिकारियों और कर्मियों की मिलीभगत प्रतीत हो रही है। जांच में यह भी जानकारी आ रही है कि उक्त फर्जीवाडा कारोबार में यहां का एक वनमाफियां जुडा हुआ है जो पूर्व में जिला पंचायत में वन सभापति के पद पर था। हालाकि वनविभाग के अधिकारी इसे गंभीर प्रकरण मानकर बारिकी से जांच कर रहे है। बताया जाता है कि सत्यापन करने वाला वनकर्मी और टीपी जारी करने वाले वन कर्मी को वनमण्डलाधिकारी ने निलम्बित कर दिया है। वहीं वनमण्डलाधिकारी के निर्देष में उक्त वनमण्डलाधिकारी द्वारा जिन जिन जगहांे वनमाफिया के द्वारा लकडियां खरीदकर परिवहन करवाया जा रहा है था उन सब की भी छानबीन की जा रही है।
बरहाल जो भी हो प्रथम दृष्टया यह बात सामने आ रही है कि पिछले 4-5 वर्शो से इस मामले में फर्जीवाडे़ में बालाघाट रेंज का अमला उक्त वनमाफियां से मिलीभगत के साथ चल रहा था। वहीं इस मामले में वनमण्डलाधिकारी अषोक कुमार ने बताया कि सांई टिम्बर के नाम से टीपी जारी कि गई थी जो राजनांदगांव से षिव टिम्बर परिवहन करवाया गया था सूचना पर जब जांच की गई तो उक्त षिव टिम्बर के यहां से 50 घनमीटर इमारती लकडियां बरामद कर वहां के वनविभाग को सुपुर्दे कर विभागीय स्तर पर जांच की जा रही है तथा पिछले 5 वर्शो से जारी होने वाली टीपी को जप्त कर छानबीन की जा रही है।