भोपाल। मुरैना में बोरवेल में फंसे 3 साल के मासूम राघव के बचाने के लिए प्रयास तो काफी हुए, दुआओं के लिए हाथ भी हर गांव में उठे लेकिन सबकुछ बेअसर। सेना के 40 घंटे लम्बे आॅपरेशन के बाद राघव को बाहर तो निकाला जा सका परंतु वो जिंदा नहीं था।
मुरैना जिले के बागचीन थाना क्षेत्र के नंद गागोली गांव में रविवार को तीन साल का मासूम राघव शर्मा खेलते-खेलते बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। बताया जा रहा है कि बोरवेल के लिए करीब आठ साल पहले 175 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था लेकिन इसे बंद नहीं करवाया गया। रविवार को अपनी दादी के साथ खेलते -खेलते राघव इस बोरवेल में जा गिरा।
सूचना मिलने के बाद राघव की जिन्दगी बचाने के लिए बड़े स्तर पर सेना और प्रशासन ने मिलकर रेस्क्यू् ऑपरेशन चलाया। सोमवार तक ऐसा लग रहा था कि 38 फीट पर फंसे कुछ ही घंटों में राघव को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा लेकिन मंगलवार को जब राघव को बाहर निकाला गया तो उसकी सांसे थम चुकी थी।
मासूम की जिन्दगी बचाने के लिए उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ऱाघव की मौत की खबर लगते ही परिवार और पूरे गांव में शोक का माहौल है। फिलहाल राघव के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पीएम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
सिर पर लगी चोट के कारण हुई मौत
जानकारी के अनुसार राघव की मौत सिर पर चोट लगने के कारण हुई है। खेलते समय राघव बोरवेल में सिर के बल गिरा था। जिस वजह से उसका सिर बोरवेल में ही किसी पत्थर से टकरा गया। इससे उसके दिमाग में चोट आई और खून का रिसाव भी लगातार होता रहा। ऐसे में इलाज न मिल पाने के कारण राघव की मौत हो गई।