इस पंचायत में हर जात के लिए अलग कुआं

रतीराम श्रीवास/टीकमगढ। बुन्देलखण्ड का अति पिछडा जिला टीकमगढ को भले ही अग्रेजो की गुलामी से छुटकारा मिल गया हो लेकिन टीकमगढ जिला के दबंगो की गुलामी और दासता से छुटकारा नही मिला आज भी समाज मे छोटे वर्ग के लोगो को छुआछूत का सामना करना पड रहा है। गाॅव मे पानी के नाम अलग अलग कुआॅ खुदबाये गये है। जिस जाति के लिये जो कुॅआ खोदा गया है। उसी जाति के लोग पानी भर सकते है। अगर कोई। दूसरी जाति के कुॅआ पर पानी भरने पहुॅच जाता है। तो उसे अपमानित होना पडता है। और विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। इस प्रकार कमजोर वर्ग दलित हरिजन वर्ग को गुलामी मे जीवन यापन करना पड रहा है। उच्चवर्ग के लोग आज भी उन्हे हीन दृष्टि छुआ छूत की भावना से देख रहे है। और इन गुलामी की जंजीरो से छुटकारा दिलाने के लिये कोई। आगे नही आ रहा है। जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि आॅख कान बंद करके दलित वर्ग का तमाशा देख रहा है।

यहा आपको बता दे। टीकमगढ के बल्देवगढ क्षेत्र की ग्राम पंचायत सुजानपुरा की कुल आबादी चार हजार के करीब है। गाॅव मे दादा पर दादाओ के समय से जाति के नाम पर तीन कुॅआ खुदबाये गये है। जिन्हे देखकर हर कोई। यही कह रहा है। कि अग्रेजो की गुलामी से तो छुटकारा मिल गया। लेकिन दबंगो की गुलामी से छुटकारा कब मिलेगा। जो गाॅव मे कुआॅ खुदबाये गये है। वो सादियो से अपनी कहानी दास्तान बयाॅ कर रहे है। गाॅव के कुॅआ की खास बात ये है। कि जिस जाति का जो कुॅआ है। उस जाति के लोग उसी कुॅआ से पानी भर सकता है। अगर दूसरी जाति के लोगो ने अन्य जाति के कुॅआ से पानी भर लिया। तो गाॅव मे तनाव की स्थिति बन जाती है। गाॅव मे आज भी छुआछूत व जातिवाद जमकर फलफूल रहा है। जो आने बाली पीढी के लिये। एक घातक संक्रमण बीमारी साबित हो रही है। लोग बताते है। कि सुजानपुरा गाॅव पिछडा हुआ गाॅव है। जिसमे गाॅव की कुल आबादी चार हजार के करीब है। जिसमे ठाकुर जाति लगभग 125 व पंडित संख्या 100 के पार इसी प्रकार बुनकर 150 के करीब और 100 बंशकार जाति निबासरत है। इसी तरह यादव 1700 सौ के लगभग हरिजन अहिरवार 1300 की बसीयत सहित विश्कर्मा बढई जाति के लोगो सहित कुल आबादी चार हजार के करीब  रहते है। गाॅव मे बने कुऐ। सादियो से जातियो मे बँटे हुये है। सवर्ण जाति का अलग कुूआ है। तो वही,पास मे, बने अन्य दो कुॅओ, मे से एक अहिरवार और बंशकार जाति के लिये। कुॅआ खोदे गये है। एक अन्य पिछडा वर्ग के लिये। कुॅआ है। तीनो कुॅआ कुछ अंराल से पास पास खुदबाये गये है। ईश्वर ने जरुर सभी मानव प्राणी को एक रुप का आकार दे कर संसार का सुख भोगने के लिये धरती पर भेजा है। किन्तु समाज को टुकडो टुकडो मे बाटने बालो ने। समाज को जाति का रंग दे दिया। धरती माता जरुर सभी को अपने मे समेटे प्रत्येक जीवधारी को बराबर पानी देकर जीवन दान दे रही है। लेकिन धरती माता के पवित्र जल मे भी समाज के दबंगो ने जाति का रुप दे दिया है।लोग बताते है। कि ये पराम्परा सादियो से चली आ रही है। जो दिन दिनप्रतिदिन कमने की जगह बढती जा रही है। जो आने बाली पीढी के लिये एक संक्रमण घातक बीमारी के सिबाय कुछ नही है। जिले के जनप्रतिनिधि व प्रशासन इस छुआछूत जैसी घातक बीमारी से छुटकारा दिलाने मे कोसो दूर पीछे नजर आ रहा है।

अपर कलेक्टर टीकमगढ
इस संबंध मे जब अपर कलेक्टर शिवपाल सिंह संे जानना चाहा तो उन्होने इतना कहा कि इस संबंध बल्देवगढ सीईओ से बात करिये। 

इनका कहना है
जनपद पंचायत बल्देवगढ सीईओ आरएन पाठक का कहना है। कि इस प्रकार छुआछूत बाली जानकारी मेरे संज्ञान मे नही आई। मैं जाॅच करवाता हूॅ। दोषियो पर कार्रबाई। की जायेगी।

इनका कहना है
बल्देवगढ जनपद अध्यक्ष श्रीमती गुलाबरानी पत्नि महीप सिंह का कहना है। कि गाॅव मे छुआछूत नही होना चाहिऐ। सभी एक समान है। गाॅव मे जाकर सरपंच सचिव से बात करुॅगा। गाॅव के लोगो के साथ भेदभाव नही होना चाहिये।

इनका कहना है
ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती पार्वती पत्नि किशोरी यादव का कहना है। कि गाॅव मे छुआछूत जैसी समास्या दिखाई नही देती है। दादा पर दादाओ के समय से गाॅव के लोग अलग अलग कुॅआ से पानी भरते आ रहे है। अपनी स्वेच्छा से किसी पर प्रतिबंध दवाव नही बनाया जाता है। गाॅव मे चार मुहल्ला है। खोडन,खजना,गढी मुहल्ला,हरिजन बस्ती, अलग अलग बास्तियो मे हैंण्डपम्प लगे हुये है। 12 हैण्डपम्प मे से 10 चालू हालत है। शेष 2 हैंण्डपम्प सुधरने की स्थिति मे नही है। गाॅव के पास हमारा पैत्रिक कुॅआ लगा हुआ है। जिससे सभी वर्ग के लोग पानी भरने आते है। गाॅव की कुल आबादी चार हजार के करीब है।

इनका कहना है
ग्राम पंचायत सचिव बालकिशुन यादव का कहना है। कि गाॅव मे छुआछूत जैसी कोई भावना दिखाई नही देती है। गाॅव मे सरकारी हैण्डपम्प लगे हुये है। जिससे सभी समाज के लोग पानी भरते है। गाॅव मे चार मुहल्ला है। सभी मुहल्ला में पेयजल हेतू हैण्डपम्प लगे हुये है।

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