नईदिल्ली। भारत में एक बार फिर प्याज गरीब की थाली में लौट आएगी क्योंकि आयात की गई 2000 टन प्याज में से 250 टन की पहली खेप आ चुकी है और इसी सप्ताह में पूरी 2000 टन प्याज आ जाएगी। इसके अलावा 3223 टन दालें भी भारत के बंदरगाहों पर उतर चुकीं हैं। 20 अक्टूबर तक 5000 टन दालें और आ जाएंगी।
आवश्यक खाद्य जिंसों के मूल्य और इनकी उपलब्धता पर बनी अंतर मंत्रालयीय समिति ने दलहनों और प्याज दोनों की मौजूदा मूल्य की स्थिति और इनकी उपलब्धता की समीक्षा की। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान यह सूचित किया गया 250 टन आयातित प्याज की पहली खेप पहले ही जेएनपीटी, मुंबई बंदरगाह पर पहले ही पहुंच चुकी है और सप्ताह के अंत तक 2,000 टन की पूरी खेप भी पहुंच जाएगी। ऐसा पाया गया कि प्रमुख मंडियों में प्याज की थोक बिक्री कीमतें कुछ नरम पड़ी हैं।
इन आवश्यक जिंसों का आवंटन राज्यों के अनुरोधों के अनुरूप किया जा रहा है जिससे कीमतों के नरम पड़ने की उम्मीद है। दलहनों और प्याज दोनों की ही कीमतें पिछले महीनों में काफी बढ़ी हैं, जिसका कारण घरेलू उत्पादन में कमी आना है। अधिकांश खुदरा बाजारों में चने को छोड़कर बाकी दालों की कीमतें 150 रुपये प्रति किलो की ऊंचाई को छू गई हैं। इसी प्रकार से प्याज की खुदरा कीमतें दिल्ली में 70 रुपये प्रति किलो हैं और इसी तरह का समान रुख देश के अन्य भागों में भी है।