भोपाल। जैसी की सरकार ने रणनीति तैयार की थी, मप्र का अध्यापक आंदोलन उलझा दिया गया है। आजाद अध्यापक संघ भी संयुक्त मोर्चा के जाल में फंसा हुआ दिखाई दे रहा है। हालात यह हो गए कि संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि एवं अध्यापक संविदा शिक्षक संघ के महामंत्री ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, आजाद अध्यापक संघ उसका खंडन कर रहा है। संयुक्त मोर्चा ही अब एकजुट नहीं रह गया है। जबकि प्रदेश भर के अध्यापक बिना किसी गुटबाजी के सिर्फ एक मांग पर एकजुट हैं, परंतु निराश भी।
अध्यापक संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश संगठन मंत्री एवं संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि रामचरण वर्मा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांगा है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि संयुक्त मोर्चा की ओर से मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए ब्रजेश शर्मा प्रांताध्यक्ष शासकीय अध्यापक संघ से लेकर शिल्पी शिवान प्रतिनिधि संयुक्त मोर्चा तक कुल 13 प्रतिनिधि आना चाहते हैं। श्री वर्मा ने अपने आवेदन में यह भी लिखा है कि वो 31 दिसम्बर तक 6वां वेतनमान एकमुश्त की मांग कर रहे हैं और इसी संदर्भ में मिलना चाहते हैं।
इस पत्र के सोशल मीडिया पर आने के तत्काल बाद आजाद अध्यापक संघ की ओर से जावेद खान ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि यह जो कुछ भी हो रहा है हमारी जानकारी के बिना हो रहा है एवं हम ऐसी किसी भी मांग या फेरबदल से सहमत नहीं हैं।
कुल मिलाकर स्थिति कंफ्यूजिंग हो गई है। अध्यापक नेताओं की गुटबाजी साफ दिखाई देने लगी है।