भोपाल। मप्र में सूखा प्रभावित किसान को कन्या के विवाह के लिए सरकारी सम्मेलन का इंतजार नहीं करना होगा। वो जब चाहे शुभमुहूर्त में विवाह का आयोजन कर सकता है। सरकार किसान के खाते में पैसे डिपॉजिट करा देगी।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह तथा निकाह योजना में सूखे से प्रभावित किसानों की कन्याओं के विवाह में सामूहिक विवाह का बँधन नहीं होगा। राज्य शासन द्वारा योजना में पात्रता के मापदण्ड को शिथिल किया गया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के पात्रता की अन्य मापदण्ड यथावत रहेंगे। सामूहिक विवाह कार्यकम में शिथिल किए गए निर्देश, 31 मार्च 2016 तक जिन कन्याओं का विवाह होना है, के लिए लागू होंगे।
खरीफ 2015-16 में सूखे से प्रभावित ऐसे किसान, जिनके आरबीसी-6 (4) में प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं, के परिवार में कन्या के विवाह के लिये सामूहिक विवाह का बँधन नहीं होगा। कन्या की गृहस्थी के लिये 12 हजार रुपये, विवाह कार्यक्रम के आयोजन के लिये 3000 तथा कन्या के दाम्पत्य जीवन में खुशहाली के लिये 5 वर्ष तक के लिये 10 हजार रुपये की सावधि जमा की जायेगी। इसमें कुल 15 हजार रुपये की सहायता कन्या के माता-पिता/अभिभावक को उनके बैंक खाते के माध्यम से की जायेगी।
सहायता प्राप्त करने के लिये आवेदन-पत्र क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत किये जायेंगे। आवेदन-पत्रों का सत्यापन कर प्रकरण स्वीकृति के लिये संबंधित अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत किये जायेंगे। आवेदन-पत्रों का सत्यापन कर प्रकरण स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा। कन्या की पात्रता के मापदण्ड एवं कन्या के विवाह होने की पुष्टि के बाद विवाह के अधिकतम 5 दिवस पहले अग्रिम के रूप में राशि स्वीकृत कर पिता-माता/अभिभावक द्वारा दिये गये बैंक खाते में हस्तांतरित की जायेगी। विवाह के एक सप्ताह के भीतर कन्या के पिता एवं कन्या द्वारा उपयोग की गयी राशि, विवाह प्रमाण-पत्र तथा विवाह के फोटो एक पंचनामा के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
जिस कन्या अथवा अभिभावक को विवाह सहायता राशि उपलब्ध करवायी गयी है, यदि उनके द्वारा समय-सीमा में राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र तथा विवाह प्रमाण-पत्र नहीं उपलब्ध करवाया जाता है, तो आवेदक को जिस बैंक खाते के माध्यम से राशि उपलब्ध करवायी गयी है, उस बैंक खाते से उपलब्ध करवाई गयी सहायता वापस ले ली जायेगी। खाते में राशि न होने पर विधिक प्रक्रिया से राशि की वसूली की जायेगी।