जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने तय किया है कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत पुलिस हुक्का या हुक्का बार को बंद करने की कार्रवाई नहीं कर सकती है। यदि इससे कानून के किसी प्रावधान का उल्लंघन होता है तो संबंधित कानून के तहत ही इन पर कार्रवाई हो सकती है। न्यायाधीश प्रशांतकुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने यह आदेश अक्षत कुमार शर्मा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता नवलसिंह ने कहा कि पुलिस जन स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत मिली शक्तियों का उपयोग करते हुए शहर के हुक्का बार को बंद करने के लिए समय-समय पर आदेश जारी करती है। जबकि धारा 144 के तहत पुलिस को इसका अधिकार नहीं है। इस संबंध में केन्द्र सरकार ने सिगरेट एवं तंबाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 बना रखा है। तंबाकू उत्पादों पर इस कानून के प्रावधान लागू होते हैं।
याचिकाकर्ता ने भी अपने रेस्तरां में नियमानुसार अलग से स्मोकिंग जोन बना रखा है। ऐसे में पुलिस को धारा 144 के तहत कार्रवाई करने से रोका जाए।
जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता व अन्य रेस्तरां संचालक अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग कर रहे हैं। हुक्का बार में अवयस्क लोगों को भी उपयोग की छूट दी जाती है। जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडता है। ऐसे में पुलिस सीआरपीसी की धारा 144 के तहत कार्रवाई कर हुक्का बार बंद करवा सकती है।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने कहा कि धारा 144 के तहत पुलिस को हुक्का बार को बंद करने का अधिकार नहीं है। संबंधित कानून की अवहेलना पर ही कानून के प्रावधानों के तहत हुक्का बार पर कार्रवाई हो सकती है।