भोपाल। पूरी तरह से डेंगू की जकड़ में आ चुके शिवपुरी में कलेक्टर का बंगला भी सुरक्षित नहीं रह गया। वहां भी डेंगू का लार्वा पाया गया है। मलेरिया विभाग ने शिवपुरी के 40 हजार से ज्यादा घरों में सर्वे किया और 10 हजार से ज्यादा घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया। अर्थ यह कि 25 प्रतिशत शिवपुरी जिला डेंगू की चपेट में है।
डेंगू से जिले में एक किशोर की मौत हो चुकी है। साथ ही रोगियों की संख्या 341 तक पहुंच गई है। इनमें से ज्यादातर रोगी दिल्ली, ग्वालियर, कोटा व झांसी के निजी व सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।
यहां उल्लेखनीय यह भी है कि शिवपुरी के जिला चिकित्सालय में डेंगू के मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा बल्कि उन्हें ग्वालियर, झांसी, इंदौर एवं दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में रिफर किया जा रहा है। आरोप लग रहे हैं कि सरकारी डॉक्टरों को इसके एवज में 10 हजार रुपए प्रति मरीज कमीशन मिल रहा है।
डेंगू का लावा नष्ट करने की दिशा में प्रशासनिक प्रयासों की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।