भोपाल। मप्र में अपने अधिकारों को लेकर लामबंद हुए पंचायतीराज के जन प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री की जिद के चलते अधिकार नही दिए जा रहे हैं। पंचायती राज के संयोजक डीपी धाकढ ने आज इस मामले में खुलासा करते हुए कहा कि हम पंचायतीराज के अधिकारो को लेकर जब मंत्री गोपाल भार्गव से मिले थे, तब पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंचायतीराज के पिछले कार्यकाल में पंचायतीराज के प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों के संबध में भोपाल के समन्वय भवन में बुलाया था, वहां पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मोजूदगी में पंचायतीराज के प्रतिनिधियों ने हंगामा खडा करते हुए अपने अधिकार मांगे।
तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पंचायतप्रतिनिधियों को हंगामा करना नागवार लगा ओर मुख्यमंत्री ने मुझसे गोपाल भार्गव से कहा कि जब तक में मुख्यमंत्री और तुम मंत्री रहोगे तब तक पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार नही मिलने चाहिए। गोपाल भार्गव ने यह खुलासा करते हुए कहा कि आप को अपने अधिकारों के लिए कडा सर्घष करना पडेगा।
धाकढ ने बताया कि जिस बात के चलते हमें पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव से आंदोलन की प्रेरणा मिली एंव कई उतार चढाव से गुजरते हुए हमारा आंदोलन खडा होकर जन आंदोलन में तब्दील हो गया।
धाकड ने कहा कि जब हमारा आंदोलन सफल हो गया तब गोपाल भार्गव जिनको हमने अपना पक्षधर मान रखा था, उन्होनें 28 अक्टूबर के आंदोलन के तुरंत बाद गोपाल भार्गव यह बयान जारी कर कहा कि सरपंचो को किसी भी सूरत में नही मिलेगी चेक पावर यह कहकर आंदोलन के सबसे बडे विरोधी बन गए इससे यह भी साफ हो गया कि गोपाल भार्गव अधिकारी राज के सरक्षंक होकर भटाचार के पोषक बने गए।
धाकड़ ने कहा कि अब पंचायती राज के चुने हूए जन प्रतिनिधियों के सवेंधानिक अधिकर और सत्ता का विकेन्द्रीकरण एंव सरकार के सरक्षंण मे चल रहे भृटाचार चोरी आरे सीना जोरी के मध्य आरपार का सर्घष छिड गया हैं। अब अपने हक के लिए हक के लिए करो या मरो की लडाई लडनी पडेगी जिसके लिए छोटे छोटे जनप्रतिनिधियों को संकल्प लेना होगा कि हम नही तो तुम भी नही।
डीपी धाकढ ने कहा अब हम छोटे छोटे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की सरकार को अपनी हैसियत बताने समय आ गया हैं साथ ही धाकढ ने पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव का यह बयान अधिकारो की बात छोडो कर्तव्यों का निर्हवन करो इसे हास्यपद बताते हुए कहा के हम यह देखना कि चाहते हैं कि आगामी चुनाव में आप जेसे लोग चुनाव हारने के बाद बिना अधिकारो के कर्तव्यो का निर्हवन केसे करते है।
धाकड़ ने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की हैं कि 1 नवंवर को स्थापना दिवस पर ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत में धिक्कार दिवस के रूप में मनाना हैं धिक्कार दिवस के रूप मे ग्राम सभा के सदस्य, पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सभी निर्वाचित सदस्य शासकीय कार्यो का पुर्ण रूप् से बहिष्कार करेगे। धाकढ ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि गांधी जी की प्रतिमा रखकर चार घंटे का उपवास रखकर सत्याग्रह करते हुए किसी भी चुनाव अपने हाथो से इस नाजीवादी सोच वाली सरकार को सत्ता से उखाड फेकने का संकल्प लेगे।