भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत प्रतिनिधियों की हड़ताल से पहले शिवराज सिंह ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं लेकिन अभी तक पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से इसकी स्वीकृति एवं हड़ताल के स्थगन की सूचना नहीं आई है।
मुख्यमंत्री ने कहा जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री के अधिकार दिये जायेंगे। जनपद पंचायत अध्यक्षों को भी पूरे अधिकार दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में सरपंचों को अधिकार संपन्न बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्वाचित सरपंचों और पंचों के काम तय होंगे। पंचों को हर बैठक का अब 100 के बजाय 200 रूपये मानदेय मिलेगा।
जिला पंचायत अध्यक्षों को गनमैन की सुविधा देने की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि यह सुविधा समाज में रूतबा दिखाने का प्रतीक नहीं बनना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत उपाध्यक्षों और सदस्यों को भी अधिकार संपन्न बनाया जायेगा ताकि उनके पास अपने विवेक से विकास कार्यों पर राशि खर्च करने का अधिकार हो।
इसी प्रकार जनपद पंचायत अध्यक्षों के लिये भी राशि खर्च करने की सीमा तय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों के कुछ अधिकारों के लिये भारत सरकार से अनुरोध किया जायेगा।
इसके लिये पंचायत मंत्री श्री गोपाल भार्गव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि-मंडल केन्द्रीय पंचायत मंत्री से मिलेगा। मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने का संकल्प लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिव के स्थानांतरण में अब सरपंच की सहमति जरूरी होगी।