ग्वालियर। हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि उसने व्यापमं घोटाले के आरापियों योगेश उपरीत, डॉ. एमएस जौहरी, उमेश बघेल और नवीन शर्मा की जमानत क्यों हो जाने दी गई। इसका विरोध क्यों नहीं किया गया।
कोर्ट ने कहा है कि आरोपियों को जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने अब तक अपने जांच अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की है। इसका जवाब बंद लिफाफे में 19 अक्टूबर तक कोर्ट में पेश किया जाए। वहीं, अगर जवाब नहीं दे सकते, तो सीबीआई एसपी कोर्ट में खुद मौजूद रहें।
व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई के वकील ने घोटाले के अन्य आरोपियों गौरव भदौरिया, अनिल वर्मा, अंकित वर्मा और वीरेंद्र पाटीदार की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी जमानत का विरोध किया।
इसके बाद याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जांच एजेंसी इन लोगों की जमानत का विरोध कर रही है, लेकिन उसने योगेश उपरीत, डॉ. जौहरी, नवीन शर्मा, और उमेश बघेल की जमानत का विरोध क्यों नहीं किया। जबकि वे व्यापमं के हाईप्रोफाइल आरोपी हैं।
हाईकोर्ट ने CBI से पूछा, व्यापमं घोटाले के आरोपियों की जमानत का विरोध क्यों नहीं किया
इसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को निर्देशित किया कि योगेश, जौहरी, समेत अन्य आरोपियों के धारा 167 (2) के आवेदन का विरोध नहीं करने का 19 अक्टूबर तक कारण बताया जाए।