सीकर। समाजसेवी अन्ना हजारे ने मौजूदा चुनाव प्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि संविधान में चिन्ह के आधार पर चुनाव करवाने की व्यवस्था नहीं होने के बावजूद इस व्यवस्था से चुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग से हमारी मांग है कि वो बैलट पेपर से चुनाव चिन्ह हटाए। अन्ना हजारे ने शनिवार को सीकर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि देश को संविधान के आधार पर चलाना है और संविधान में चिन्ह पर चुनाव करवाने की व्यवस्था नहीं है, फिर क्यों चिन्ह आधारित चुनाव करवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव में केवल उम्मीदवार का नाम और उसकी फोटो होनी चाहिए। हमारी लडाई सरकार से नहीं चुनाव आयोग से है। हजारे ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए चरित्रवान उम्मीदवारों के पक्ष में मत देने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस ने भ्रष्टाचार में ग्रेजुएशन किया और बीजेपी पीएचडी करने में जुटी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी भ्रष्टाचार के नाम पर लोगों को गुमराह कर रही हैं। भ्रष्टाचार को खत्म करने की चाबी मतदाताओं के हाथ में है। अन्ना ने आरक्षण को देश के लिए खतरा बताते हुए कहा कि आजादी के समय इसकी जरूरत थी, लेकिन आज देश के लिए आरक्षण खतरा बनकर उभर रहा है।
उन्होंने कहा कि नेताओं ने आरक्षण को वोट का हथियार बना लिया है। उन्होंने गोमांस मामले में नेताओं को आडे हाथों लेते हुए कहा कि 68 साल तक इनको गोमांस नजर क्यों नहीं आया, आज हर कोई एक-दूसरे पर आरोप लगा रहा है।