अल्मोड़ा। उत्तराखंड वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तान में घुसकर आतंकी शिविरों को नष्ट करने में सक्षम है। साथ ही कि अगर राजनीतिक अनुमति मिले तो नियंत्रण रेखा से लेकर गुलाम कश्मीर (पीओके) तक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
पत्रकारों के पूछने पर कि पिछले दिनों जैसी कार्रवाई म्यांमार में की गई थी, वैसी ही गुलाम कश्मीर में भी हो सकती है, इसपर वायुसेना प्रमुख राहा ने कहा कि क्षमता तो है लेकिन इसका फैसला हम नहीं ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसका फैसला तो राजनीतिक रूप से ही होना चाहिए।
वहीं एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्वीकार किया कि तिब्बत में चीन अपनी क्षमता में बेतहाशा वृद्धि करने में जुटा है, लेकिन इसे लेकर उन्होंने अधिक चिंता नहीं जताई. उन्होंने कहा कि हम भी सक्षम बलों की तैनाती कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वायुसेना कारगिल और सुदूर इलाकों में बुनियादी ढांचा तैयार करने पर भी ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि कारगिल और नेओमा विमान तल की ताकत बढ़ाना वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण है. ये विमान तल वहां पर्यटकों की आवाजाही और आर्थिक विकास में भी मददगार साबित हो सकते हैं।
साथ ही कहा कि कारगिल रनवे का हम विस्तार करना चाहते हैं, जिससे इसका इस्तेमाल वायुसेना के बड़े विमानों या लड़ाकू विमानों के साथ ही असैनिक विमानों के लिए भी किया जा सके. उन्होंने बताया कि नेओमा हवाई पट्टी के मामले में फैसला लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि काम में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है.
वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने उम्मीद जताई है कि इस वर्ष के आखिर तक राफेल सौदा हो जाएगा. फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदा जाना है. उन्होंने कहा कि क्षमता बढ़ाने के लिए 108 राफेल या उसी के समरूप जेटों से लैस कम से कम छह स्क्वाड्रन की दरकार है.
वहीं राहा ने कहा कि निश्चित रूप से हमारे पास एमएमआरसीए श्रेणी के विमान होने चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरे विचार से कम से कम छह स्क्वाड्रन. इसका कोई और विकल्प हो सकता है तो उसे भी देखा जाए.