जबलपुर। शहर की ट्रैफिक एवं पार्किंग व्यवस्था को बिगाड़ने वाले व्यवसायिक संस्थानों में सबसे ज्यादा संस्थान भाजपा एवं आरएसएस के पदाधिकारियों के हैं। इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों ने मेरी शिकायतों को बिना सुनवाई के ही डस्टबिन में ही फेंक दिया। इसके बाद मैं हाईकोर्ट पहुंचा। यह बात जबलपुर के साइंस कॉलेज के प्रोफेसर अनिल वाजपेयी ने कही।
प्रोफेसर पार्किंग व्यवस्था व सिस्टम को जनहित याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट ले गए हैं। इसके लिए उन्होंने खुद के खर्चे पर 40 से अधिक स्थानों की मनमानी वाली पार्किंग के फोटो कराए और याचिका दायर की। उनका मानना है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी तो शहर के ट्रैफिक को व्यवस्थित नहीं कर सके, लेकिन हाईकोर्ट जरूर इस बिगड़े ट्रैफिक को सुधरवा देगा।
सरकारी नौकरी, फिर भी दिखाई हिम्मत
याचिकाकर्ता प्रोफेसर अनिल वाजपेयी शासकीय साइंस कॉलेज में पदस्थ हैं फिर भी उन्होंने राजनेताओं के दखल वाले संस्थानों एवं सरकारी सिस्टम के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की हिम्मत दिखाई। इस बारे में उनका कहना है कि शहर हम सभी का है और किसी न किसी को तो आगे आकर विरोध दर्ज कराना होगा। इसलिए मैं ही आगे आ गया, अब इस लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएंगे।
भाजपा, आरएसएस से जुड़े व्यापारी
याचिकाकर्ता प्रो. वाजपेयी का कहना है कि शहर में हॉस्पिटलों एवं कोचिंग संचालकों ने अपने यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं की है। कई बड़े हॉस्पिटलों के नाम याचिका में बेतरतीब पार्किंग फोटो के साथ पेश किए गए हैं। सड़कों पर कब्जा किए ऐसे कई चिकित्सा संस्थान हैं जिनका संचालन राज्य के पूर्व मंत्री, भाजपा एवं आरएसएस के पदाधिकारी कर रहे हैं और यही कारण रहा कि जब भी स्थानीय प्रशासन में इसकी शिकायतें की, तो कोई सुनवाई नहीं हुई।
टैक्स वसूलने की होगी मांग
अभी हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि अगली सुनवाई पर वे हाईकोर्ट से मांग करेंगे, कि इन लोगों ने वर्षों तक शासकीय भूमि, सड़क पर पार्किंग कराई है। इसलिए इन संस्थानों से उतने वर्षों का किराया या टैक्स वसूला जाए। इन संस्थानों के बाहर मनमाने ढंग से गाड़ियां खड़ी करने से सड़कों पर जाम एवं रिहायशी क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगता है।
सिर्फ 5 पार्किंग प्वाइंट
करीब 8 लाख से अधिक वाहनों वाले जबलपुर में सिर्फ पांच स्थानों पर पेड पार्किंग प्वाइंट हैं। जिस कारण लोग कहीं भी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं और फिर जाम लगने लगता है। याचिका में हास्पिटलों, कोचिंग सेंटरों के साथ मुख्य बाजारों की बिगड़ी ट्रैफिक व्सवस्था को फोटो के माध्यम से दिखाया गया है।