इंदौर। व्यापारी घूसखोरी के मामले में डीआईजी ने सेंट्रल कोतवाली थाने के एसआई को बर्खास्त कर दिया है जबकि टीआई को सस्पेंड कर दिया गया है। अधिकारियों ने रिश्वत वसूली के लिए ऐजेंट को भेजा था।
रेडीमेड कपड़ों के व्यापारी विवेक मेहता के खिलाफ सेंट्रल कोतवाली थाने पर मुंबई के अमजद अंसारी ने शिकायत की थी कि उन्होंने 25 लाख रुपए ले लिए, लेकिन कपड़े नहीं भेजे। इसकी जांच का जिम्मा अजय पिल्लई को सौपा गया था।
दो दिन पहले अजय ने व्यवसायी को पुलिस थाने बुलाकर उसके बयान दर्ज किए थे। व्यवसायी ने साफ कर दिया था कि उसके खिलाफ शिकायत झूठी है। फिर भी एसआई ने कहा कि शिकायत रफा-दफा करने के एवज में 50 हजार रुपए की रिश्वत लगेगी।
विवेक मेहता ने इतनी राशि देने में खुद को बेबस बताया था। अंत में 20 हजार रुपए पर सौदा तय हुआ। समीर पठान रिश्वत की पहली किस्त के रुप में साढ़े नौ हजार रुपए ले चुका था। दूसरी किस्त लेने के लिए एक दिन पहले समीर दुकान पर पहुंचा। वहां व्यवसायी के नहीं होने पर वो खुद के लिए कुछ कपड़े उठाकर लेकर आया था।
इसके बाद विवेक ने लोकायुक्त को इसकी शिकायत की। लोकायुक्त ने जाल बिछाया परंतु इस बार पैसे लेने के लिए एसआई अजय पिल्लई ने एक ड्रायवर को भेज दिया। जिसे लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया और बयान के आधार पर एसआई को गिरफ्तार किया गया। एसआई पिल्लई को बर्खास्त कर दिया गया है जबकि इसी मामले में टीआई तारेश कुमार सोनी को सस्पेंड किया गया है।