नई दिल्ली। सॉफ्टवेयर सुरक्षा समाधन उपलब्ध कराने वाली फर्म नोर्टन का अनुमान है कि व्यक्तिगत डेटा में सेंधमारी की वजह से 11.3 करोड़ भारतीयों को औसतन 16,558 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। इस तरह की घटनाओं से होने वाली मानसिक परेशानी अलग है।
नोर्टन की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के नुकसान का वैश्विक औसत 23,878 करोड़ रुपए है। नोर्टन इंडिया के कंट्री मैनेजर रितेश चोपड़ा ने कहा, "साइबर अपराधों का बहुत बड़ा भावनात्मक असर होता है। 10 में से 8 लोगों का कहना है कि यदि उनकी निजी वित्तीय सूचनाओं में सेंध लगाई गई तो वे तो टूट जाएंगे।
36 प्रतिशत लोगों का कहना है कि ऑनलाइन अपराध से प्रभावित होने के बाद वे उदास हो जाते हैं। चोपड़ा ने कहा कि पिछले एक साल में भारत की ऑनलाइन जनसंख्या का 48 प्रतिशत या लगभग 11.3 करोड़ लोग ऑनलानइन अपराध की चपेट में आए हैं। यह अध्ययन 17 देशों में 17,125 उपकरण इस्तेमाल करने वालों की राय पर आधारित है।