भोपाल। मप्र में रुकी हुईं पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर शासन से जवाब मांगा है। एक याचिका में बताया गया है कि मप्र में 1 लाख पदों पर नियुक्तियां स्वीकृत की जा चुकीं हैं परंतु भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की जा रही। हालात यह है कि पुलिस बल की संख्या अब बहुत कम रह गई है।
एडवोकेट संपूर्ण तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि भारत में मध्यप्रदेश पुलिस बल की कमी के मामले में तीसरे नंबर पर हैं। साल 2014 के आकड़ों को मुताबिक मध्यप्रदेश में एक लाख लोगों के बीच औसतन करीब 90 पुलिसकर्मी है।
ऐसे हालातों में प्रदेश में लगातार अपराध की संख्या में भी इजाफा देखा जा रहा है। वहीं धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक जिले में दूसरे कई जिलों की पुलिस को बुलाया जाता है।
पुलिस बल की इतनी कमी आंतरिक सुरक्षा के लिए नाकाफी है। ऐसे में प्रदेश में लगातार जारी हो रहे आतंकी हमलों के अलर्ट के बीच प्रदेश सुरक्षित नहीं है। याचिका में मांग की गई है कि पुलिस विभाग में करीब एक लाख पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमे जल्द भर्ती प्रक्रिया की जानी चाहिए। साथ ही पुलिसकर्मियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 से 62 साल बढ़ा देनी चाहिए।
इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गृह विभाग और डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं. जिसके लिए उन्हें दो हफ्तों का समय दिया गया है।