भोपाल। मात्र 9 माह में भोपाल के 5 रूटों पर लो फ्लोर बसों का संचालन बंद हो गया है। इससे 25 हजार यात्री सीधे प्रभावित हुए हैं परंतु महानगर के महापौर और भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के अधिकारियों को इसकी परवाह ही नहीं। उन्होंने ना तो बंद बसों का कारण जानना चाहा और ना ही उन्हें दोबारा शुरू करने की कोशिश की।
अनुबंधित ऑपरेटर बसें बंद करने से पहले ही विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए बीसीएलएल को पत्र लिख चुके हैं। कैपिटल रोडवेज कंपनी नगरीय प्रशासन में शिकायत कर चुकी है। ऐसे ही प्रसन्ना पर्पल कंपनी ने बीसीएलएल को दो बार नोटिस दिया लेकिन इस पर कोई प्रतिक्रिया अफसरों ने नहीं दी। यही नहीं बसें बंद होने के संबंध में महापौर से लेकर बीसीएलएल के अफसर मीडिया से एक ही बात कहते हैं की बसें बंद नहीं होने दी जाएंगी।
सवा लाख से घटकर 70 हजार पहुंचे यात्री
नौ माह पूर्व लो फ्लोर बसों में रोजाना सवा लाख यात्री सफर करते थे लेकिन बसें बंद होने के कारण यात्रियों की संख्या घटकर 60 से 70 हजार ही रह गई। अब लोग वापस मिनी बसों और मैजिक में सफर करने पर मजबूर हो गए हैं।
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कैपिटल रोडवेज कंपनी ने बंद किए दो रूट
मार्चः एसआर 7 (गांधी नगर से पटेल नगर बायपास वाया बायपास) की 13 बसें बंद कीं।
जूनः टीआर 4 की (बैरागढ़ से मंडीदीप तक) की 20 एसी बसें बंद कीं।
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प्रसन्ना पर्पल कंपनी ने बंद किए तीन रूट
अगस्तः टीआर 3 (नेहरू नगर से पटेल नगर अयोध्या बायपास तक) 13 बसें बंद की गईं।
अक्टूबरः एसआर 6 (रातीबड़ से अयोध्या नगर तक) की 15 बसें बंद की।
नवंबरः टीआर 2 (नादरा बस स्टैंड से मंडीदीप तक) की 21 बसें बंद की।
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बीसीएलएल भी नहीं चला पा रहा है
बीसीएलएल के पास 40 बसें जिनमें से सिर्फ 28 ही संचालित होती हैं। इसमें टीआर 4 (बैरागढ़ से मंडीदीप तक) रूट पर 20 नॉन एसी और 8 एसी बसें और परिवर्तित एसआर 7 रूट पर 16 नॉन एसी बसें चलाईं लेकिन मार्ग में 15 से 20 बसें ही चल पा रही हैं बाकी बसें आईएसबीटी और भौंरी डिपो कार्यालय में खड़ी हैं।
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सिर्फ अनौपचारिक चर्चा
दीपावली से पहले प्रसन्ना पर्पल कंपनी के सीएमडी प्रसन्ना पटवर्धन राजधानी आए थे। इस दौरान महापौर आलोक शर्मा के साथ अनौपचारिक चर्चा हुई लेकिन ऑपरेटरों के साथ विधिवत बैठक कर समस्या के निराकरण पर कोई चर्चा नहीं हुई।