भोपाल। राजधानी की सीबीआई विशेष अदालत ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सहायक प्रबंधक सहित दो बिल्डरों को 3 साल कैद और 80 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला सोमवार को विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार श्रीवास्तव ने सुनाया।
घटना वर्ष 2007 से 2009 के बीच अरेरा हिल्स स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में हुई थी। बैंक के तत्कालीन सहायक प्रबंधक बसंत पावसे ने मेसर्स राजधानी कंस्ट्रक्सन कंपनी के संचालक ब्रजेश सिंह यादव और राजेन्द्र प्रसाद तिवारी के साथ मिलकर 9 लाख रुपए का प्री सेक्शन लोन स्वीकृत कराकर हड़प कर लिया था।
सीबीआई जांच में पता चला था कि बैंक के पूर्व के ऋणी महेश कुमार घावरी उनकी पत्नी कमला घावरी का आरोपियों ने पता, आय प्रमाण-पत्र, पहचान संबंधी फर्जी दस्तावेज बैंक में पेश किए थे। इसके लिए प्री सेक्शन लोन आवेदन पेश किया गया और मेसर्स राजधानी कंस्ट्रक्सन कंपनी के नाम पर 9 लाख रुपए का चेक जारी कर दिया गया।
इस संबंध में टीएंडसीपी, नगर-निगम द्वारा भवन अनुमति अनुज्ञा पत्र की अनदेखी कर लोन की कार्रवाई पूरी कर दी गई। सीबीआई ने इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी व षड्यंत्र का अपराध कायम कर मामले का चालान अदालत में पेश किया था।