जबलपुर। शहर में आयकर विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 35 ठिकानों पर एकसाथ छापामारी की है। इस छापामारी की चपेट में अस्पताल संचालक, बिल्डर्स, दवा कारोबारी और उनके पार्टनर्स आए हैं। आयकर विभाग की ओर से 190 अधिकारी/कर्मचारियों की टीम कार्रवाई कर रही है।
दोपहर तक भोपाल, रायपुर और इंदौर की 30 टीमें कार्रवाई करती रहीं, लेकिन दायरा बढ़ने पर जबलपुर आयकर विभाग से भी 5 टीमों को बुला लिया गया। आईटी इंवेस्टिगेशन विंग के एक्सपर्ट देर रात तक फाइल, एकाउंट, कम्प्यूटर और लैपटॉप खंगालते रहे। कार्रवाई में करोड़ों की संपत्ति उजागर होने की बात सामने आ रही है।
पार्टनर भी घेरे में
सूत्रों मुताबिक आयकर विभाग ने शहर के दो बड़े अस्पतालों के साथ ही इनके 10 पार्टनरों के ठिकानों पर भी छापे मारे। आईटी एक्सपर्ट पिछले दो महीनों से इनके लेन-देन पर नजर रखे थे। कार्रवाई में इनके द्वारा जमा किए जा रहे आयकर रिटर्न और संपत्ति में बड़ा अंतर मिला है। हालांकि अब तक की कार्रवाई में संपत्ति या रकम के सरेंडर की बात सामने नहीं आई है।
रास्ते में बस खराब, 2 घंटे देर से शुरू हुई कार्रवाई
शहर पहुंची टीमों को छापे की कार्रवाई सुबह 5 बजे शुरू करनी थी। लेकिन टीम सदस्यों को लेकर आ रही बस रास्ते में खराब हो गई। इससे कार्रवाई दो घंटे देर से शुरू हो सकी। कार्रवाई में करीब 16 इनोवा शामिल थीं। वहीं ठिकानों तक पहुंचने के लिए बस का भी उपयोग किया गया।
टीम में टैक्स के साथ ही साइबर एक्सपर्ट भी
छापे के दौरान टीम में ऐसे एक्सपर्ट को भी रखा गया जो टैक्स के साथ ही साफ्टवेयर और हार्डवेयर की भी खासी जानकारी रखते हों।
टीम के सदस्यों को भी पता नहीं थी लोकेशन
आईटी की टीमें एक दिन पहले ही भोपाल, इंदौर और रायपुर से जबलपुर पहुंच गई थीं। लेकिन लोकेशन किसी को पता नहीं थी। गोपनीयता का आलम ये रहा कि कार्रवाई में शामिल लोगों को लोकेशन तक ले जाने के लिए केवल प्राइवेट वाहनों को ही उपयोग में लाया गया। यहां तक कि उनके मोबाइल भी ऑफ करवा लिए गए। इस दौरान संपर्क के लिए सिर्फ एक विशेष नंबर ही चलने दिया गया।
बिल्डर्स से अफसरों की साझेदारी के प्रमाण
छापे की कार्रवाई में कुछ ऐसे प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं के भी नाम सामने आए हैं, जिन्होंने बिल्डर्स के साथ मिल बड़े पैमाने पर पैसा लगा कमर्शियल जमीन खरीदी और अपार्टमेंट बनवाए। एक बड़े नेता की पत्नी का नाम भी छापे में शामिल एक ग्रुप के साझेदार के तौर पर सामने आया है।
इनके घर-ऑफिस में छापे
जबलपुर हॉस्पिटल, ग्लोबल ग्रुप, विजन ग्रुप के संदीप विजन, सत्यम जैन, विकास जैन, वीरेन्द्र पांडे, डॉ.दीपक बहरानी, आराध्य ग्रुप के श्याम सुहाने, ब्रजेश सुहाने, राजेश फार्मा के अनिल नंदवानी, डॉ.अभय श्रीवास्वत, छोटे लाल जैन, शंकर श्रीवास्तव, अंबिका ग्रुप के तारू खत्री आदि।