ग्वालियर। मप्र हाईकोर्ट ने मिसकंडक्ट का दोषी पाए जाने पर 4 जजों को बर्खास्त कर दिया जबकि एक जज को अनिवार्य सेवा निवृत्ति थमा दी। बर्खास्त किए गए जजों में एक वो भी हैं जिन्होंने व्यापमं मामले में आरोपियों को अग्रिम जमानत दी थी।
एमपी हाईकोर्ट ने विभागीय जांच के बाद 8 अक्टूबर को जबलपुर में फुलकोर्ट मीटिंग बुलाई थी। इसमें प्रदेशभर के करीब डेढ़ दर्जन अपर सत्र न्यायाधीश और सिविल जजों को बुलाया गया था। मीटिंग में जांच की रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान 2014 में व्यापमं मामले में ग्वालियर में विशेष न्यायाधीश (एसी/एसटी एक्ट) पदस्थ रहे जगतमोहन चतुर्वेदी सहित चार पर कदाचरण (मिसकंडक्ट) के आरोप सही पाए गए।
जांच सही पाए जाने पर इन सभी जजों को बर्खास्त करने का फैसला लिया गया। जगतमोहन चतुर्वेदी इन दिनों बालाघाट के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश के रूप में पदस्थ हैं।
वहीं जबलपुर के सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार आरसे को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है। जानकारी के अनुसार बैठक के बाद बर्खास्त किए जाने वाले जजों की ये पहली लिस्ट है जिसे अधिसूचना के साथ जारी किया गया है।
- इन जजों को किया गया बर्खास्त
- मोहम्मद हुसैन अंसारी, अपर सत्र न्यायाधीश, सोहागपुर (होशंगाबाद).
- चंद्र प्रकाश वर्मा, अपर सत्र न्यायाधीश, ब्यौहारी (शहडोल).
- रूप सिंह अलावा, अपर सत्र न्यायाधीश, जोबट (आलीराजपुर).
- जगतमोहन चतुर्वेदी, अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश, बालाघाट