भोपाल। जनहित के मामलों में भी वनविभाग अड़ंगे लगाया करता है। आम जन या जनप्रतिनिधि नहीं बल्कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक को वनविभाग के अफसर 5 साल तक परेशान करते रहे। शिवराज एक गांव में बिजली पहुंचाना चाहते थे। वो खुद रुचि ले रहे थे, फिर भी 5 साल लग गए।
सोमवार को दो दिनी मुख्य वन संरक्षक कांफ्रेंस शुरू हुई। शिवराज सिंह ने इसी दौरान अपना दर्द साझा किया।
खुद पीसीसीएफ नरेंद्र कुमार ने भूमिका बांधते हुए कहा कि कुछ समय पहले तक धारणा रही कि विभाग विकास में रूकावट डालता है, हमने मुख्यमंत्री से इस बारे में बात की है, उम्मीद है इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे।
शिवराज ने कहा कई बार सड़कों के निर्माण, बिजली के खंभों आदि के मामले में भी वन विभाग की अनुमतियों के रोड़े आते हैं। उन्होंने कहा इन्हीं के चलते वे अपने निर्वाचन क्षेत्र के गांव मथार में मुख्यमंत्री बनने के पांच-छह साल बाद बिजली के खंभे लगवा पाए। चौहान ने कहा कि अभी भी कई छुटपुट परेशानियां हैं, इससे विभाग की बदनामी होती है। अब नए कब्जे न होने दें और जो पात्र हैं उन्हेें पट्टे दें।