सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिला मुख्यालय बालाघाट में स्थित 7 तालाब जिनका राजस्व प्रलेखों में उल्लेख किया गया है तथा जिनमें जलभराव दर्शाया गया है इन तालाबोें का अस्त्वि कागजों में सीमित रहा गया है तथा मौके पर तालाब की जगह पक्के निर्माण और व्यावसायिक दुकानें बना ली गई है जिनकी फर्जी रजिस्टी करवाकर तालाब का मद परिवर्तन किये बिना भूमि का डायवर्सन करवा लिया है।
इस आशय का आरोप पूर्व विधायक किशोर समरिते ने पत्रकारवार्ता में लगाते हुये भू-माफिया और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध जांच कर कार्यवाही की मांग करते हुये मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को पत्र प्रेषित किया है।
श्री समरिते ने यह आरोप लगाया है कि शहर के मध्य स्थित देवी तालाब की भूमि का सीमांकन करवाया जिसमें लगभग 5 एकड़ भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया जाना पाया गया है लगभग 16 एकड़ भू भाग में अवैध निर्माण फैले हुये हैं जो अतिक्रमण कर बनाये गये है।
समरिते ने यह भी आरोप लगाया है कि देवी तालाब की जमीन की रजिस्टी करवाकर भू माफियाओं ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर करोडों रूपयों का कर्ज लिया है श्री समरिते ने यह भी बताया कि वे इस मामले की सीबीआई जांच किये जाने को लेकर पत्र लिखा है। एनजीटी ने देवी तालाब में किये गये अतिक्रमण को हटाने के संबंध में जिला प्रषासन को 17 दिसंबर 2015 तक का समय कार्यवाही के लिये दिया है।