ग्वालियर। व्यापमं एक ऐसा मकड़जाल है जिसमें सारे के सारे फंसे हुए नजर आ रहे हैं। माफिया तो इस खेल में शामिल ही थे, परंतु एसआईटी जिसकी ईमानदारी की कसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने हजारों बार खाईं, वो भी भ्रष्टाचार कर बैठी। एक घोटाले की जांच में भी भ्रष्टाचार हुआ है। हाईकोर्ट ने इसकी जांच के भी आदेश दिए हैं और सीबीआई ने जांच शुरू भी कर दी है।
विदित हो कि व्यापमं फर्जीवाड़े के एक आरोपी ने हाइकोर्ट में शपथ पत्र देकर शिकायत दर्ज कराई थी कि, ग्वालियर स्थित झांसी रोड के सीएसपी जोरसिंह भदौरिया ने इस मामले में उसे बचाने के लिए एक लाख रुपए की मांग की है। इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए हाइकोर्ट ने मामले की जांच के निर्देश लेाकायुक्त को दिए थे। अब यही जांच लोकायुक्त के बाद सीबीआई को सौंपी गई है।
सीबीआई ने कसा शिकंजा
अब मामला सीबीआई के पास है। जांच एजेंसी ने बीते सोमवार 13 जुलाई को भोपाल पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। व्यापमं मामले में एसटीएफ की जांच शुरू होने से लेकर अब तक कथित तौर पर 48 संदिग्ध मौत होने की बात सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट ने 9 जुलाई को व्यापमं की जांच सीबीआई को सौंपी थी।