भोपाल। मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने दो माह पूर्व मनरेगा में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को दिये गये छठवे वेतनमान के निर्धारण में हुई वेतन विसंगति को दूर करने के लिए, मनरेगा कर्मचारियों को 113 प्रतिशत मंहगाई भत्ता दिये जाने के लिए, ग्राम रोजगार सहायकों का वेतन श्रम विभाग द्वारा जारी की गई दरों के अनुसार न्यूनतम वेतन दिये जाने के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री गोपाल भार्गव को ज्ञापन सौंपा था।
जिस पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री गोपाल भार्गव ने विभाग के उच्च अधिकारियों को मनरेगा संविदा कर्मचारियों के छठवें वेतनमान के निर्धारण करते समय हुई वेतन विसंगति दूर करने के लिए, मंहगाई भत्ता 113 प्रतिशत् बढ़ाने के लिए, ग्राम रोजगार सहायकों की वेतनवृद्वि करने के निर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के विकास आयुक्त कार्यालय को दिये गये थे लेकिन मंत्री द्वारा दिये गये निर्देश के दो माह बीत जाने के बाद भी विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा आज तक ना ही मनरेगा कर्मियों की छठवें वेतनमान की वेतन विसंगति दूर की गई। ना ही मंहगाई भत्ता बढ़ाया गया। ना ही रोजगार सहायकों का वेतन श्रम विभाग द्वारा जारी की गई दरों के अनुसार बढ़ाया गया।
जिससे प्रदेश के 40 हजार मनरेगा संविदा कर्मचारियों तथा रोजगार सहायकों में आक्रोश है। जिसके कारण आज म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के नेतृत्व में मनरेगा कर्मचारियों ने पर्यावास भवन स्थित रोजगार ग्यारंटी परिषद के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर नारेबाजी कर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव अरूणा शर्मा को पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव के द्वारा मनरेगा संविदा कर्मचारियों की मांगों केे निराकरण के लिए दिये गये निर्देशों का पालन करने के लिए ज्ञापन सौंपा । इस अवसर म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने शासन को चेतावनी देते हुये कहा है कि सरकार संविदा कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा ना ले अन्यथा प्रदेश की शासन व्यवस्था ठप्प कर दी जायेगी जिसकी जिम्मेदारी सरकार में बैठे उन अधिकारियों की होगी जो संविदा कर्मचारियों को उनका वाजिब हक ना देकर शोषण कर रहे हैं । महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि मांगे मनवाने के लिए संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ उग्र आंदोलन करेगा।